सीएए पर लोगों के भ्रम दूर करने के बाद एनआरसी पर विचार- अमित शाह

सीएए पर लोगों के भ्रम दूर करने के बाद एनआरसी पर विचार- अमित शाह

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा होने पर गृह मंत्री अमित शाह कहा की सीएए को लेकर लोगों के बीच एक भ्रांति पैदा की गई थी की सीएए से लोगों की नागरिकता जाने वाली है अब सरकार पहले सीएए पर लोगों के भ्रम दूर करने के बाद एनआरसी पर

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा होने पर गृह मंत्री अमित शाह कहा की सीएए को लेकर लोगों के बीच एक भ्रांति पैदा की गई थी की सीएए से लोगों की नागरिकता जाने वाली है अब सरकार पहले सीएए पर लोगों के भ्रम दूर करने के बाद एनआरसी पर विचार करेंगे इसके साथ ही उन्होने दिल्ली में हुए दंगों पर हो रही जाँच के बारे में बताया उन्होने कहाए दिल्ली दंगों को भड़काने वालों और इसकी साजिश करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी अब तक के सभी दंगों में इन दंगों में सबसे कठोर कदम उठाए जाएंगे भले ही कोई बड़ा आदमी दंगे के लिए जिम्मेदार हो उसके खिलाफ कदम उठाएंगे


गृह मंत्री ने कहा कि जब मैंने राज्यसभा में भाषण दिया तो कपिल सिब्बल आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद ने भी इस बात को स्वीकार किया कि हम नहीं कहते कि इससे नागरिकता जाएगी लेकिन फिर भी उनकी पार्टी की अध्यक्षा रामलीला मैदान में क्यों ऐसा बोलीं कि ये लोगों के अस्तित्व की लड़ाई हैए सड़कों पर आ जाइयेण् क्यों लोगों को उकसाया गया गृह मंत्री ने कहा मगर ये सब लंबा नहीं चलता है हमने भी अपनी बातों को रखा संसद में भी इस पर कई बार चर्चा हुई है और धीरे.धीरे ये बात नीचे तक पहुंची है कि सीएए से किसी की भी नागरिकता नहीं जाने वाली है और इसे गलत तरीके से लोगों के सामने रखा गया है


चीन के साथ चल रही तनातनी पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि एल आए सी पर तनातनी के स्वभाव को कोई सार्वभौम राष्ट्र हल्के में नहीं ले सकता हमारी डिप्लोमैटिक और सैनिक बातचीत जारी है लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर कोई समझौता नहीं करेगी और हम इसके लिये अडिग खड़े रहेंगे यह पूछे जाने पर कि क्या तमाम संबंध सुधारने की कोशिशों के बाद भी चीन की इस हरकत से आप नाराज हैं केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमें इसकी जरूरत नहीं है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होने कहा की उनकी सरकार का कमिटमेंट है कि पीओके भारत का हिस्सा है
अर्थव्यवस्था को वैश्विक संकट से आई चोट पर केंद्रीय गृहमंत्री ने पीएम मोदी का आत्मनिर्भरता का मंत्र दोहरायाण् उन्होंने कहाए हम 4 सूत्रीय आत्मनिर्भरता में इसे बदलेंगे यह देश आत्मनिर्भरता से भरा है और पीएम मोदी के कहे अनुसार हम इस संकट को एक अवसर में बदलेंगे


वोकल फॉर लोकल के बारे में यह पूछे जाने पर कि क्या यह कदम हमें दुनिया से काट देगाए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाए ष्इससे हम जरा भी पीछे हम नहीं जायेंगे 130 करोड़ की आबादी हमारी शक्ति हैण् क्या अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इसका प्रयोग नहीं करना चाहिये इससे भारत में निवेश कम होने की संभावना नहीं है इससे निवेश बढ़ेगा अगर भारतीय यहां के उत्पादों का प्रयोग करने का निर्णय करते हैं तो इससे भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बनेगाण् हमें भरोसा है कि इससे हमारे अर्थतंत्र को एक नई गति मिलेगी आशा और रणनीतिक के जरिये जो अपना रास्ता प्रशस्त करते हैं ईश्वर भी उनका साथ देता है
कोरोना वायरस पर बातचीत के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ मोदी जी के नेतृत्व में जो रणनीति बनी उसके तहत दिया जलाओ और घंटी बजाओए कोरोना वॉरियर सम्मान के साथ पीएम मोदी ने अपने यहां लोगों को रणनीतिक रूप से इसके लिये तैयार कियाण् भारत में प्रति लाख आबादी पर 12.6 लोग कोरोना से संक्रमित हैंए जबकि दुनिया में 77.6 लोग कोरोना से संक्रमित हैं पूरी दुनिया की तुलना में हमने इसे बहुत अच्छे से कंट्रोल किया है जब तक टीका या दवाई नहीं ढूंढ़ी जाती

तब तक इस महामारी के साथ जीने की हालत डालनी पड़ेगी उन्होने बताया कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से प्रवासी मज़दूरों को बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ा इस पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा ऐसा कहना उचित नहीं है कि सरकार ने लॉकडाउन में जल्दबाजी की उन्होने बताया अगर हम समय देते जाने के लिए तो भगदड़ मच जाती उस समय हमारी टेस्टिंग क्वारंटाइन व्यवस्था अच्छी नहीं थी हमने अगले 2 महीनों में इन सुविधाओं की व्यवस्था की पहले बस सेवा शुरू की गई

जिससे 41 लाख श्रमिक भेजे गये बसें आसपास के राज्यों के लिये चलाई गईं बाद में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया जिससे 55 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गयाण् गृहमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने धैर्य खोया और पैदल चलने लगे तो हमने कई लोगों को बस के जरिये निकटतम रेलवे स्टेशन या उनके निवास जिले तक पहुंचाया इसके अलावा टिकट के साथ राज्यों ने इन मजदूरों को 500 से 2000 तक रुपये दिये वे जल्दबाजी न करें इसके लिये इलाकों में रिक्शे चलाकर सरकारों ने संदेश उनतक पहुंचाया 11 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकारों को खाना खिलाने के लिये दिये गये

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