भूमि का सर्वे करने आई टीम को सैकड़ों पुरुषों महिला किसानों के प्रतिरोध के कारण बिना सर्वे बैरंग पड़ा लौटना

भूमि का सर्वे करने आई टीम को सैकड़ों पुरुषों महिला किसानों के प्रतिरोध के कारण बिना सर्वे बैरंग पड़ा लौटना

भूमि का सर्वे करने आई टीम को सैकड़ों पुरुषों महिला किसानों के प्रतिरोध के कारण बिना सर्वे बैरंग पड़ा लौटना



हैदर गढ़ बाराबंकी

 हैदर गढ़ क्षेत्र में औद्योगिक पार्क की स्थापना को लेकर प्रशासन व किसानों के बीच ठनती नजर आ रही है।  क्षेत्रीय किसानों के तमाम विरोध के बावजूद जहां प्रशासन कदम  दर कदम बढ़ाता जा रहा है वही किसान भी किसी भी हालत में अपनी उपजाऊ जमीन प्रशासन को ना उपलब्ध कराने पर अड़े हैं।  यही वजह रही है कि रविवार को गोसूपुर ग्राम के निकट भूमि का सर्वे करने आई टीम को सैकड़ों पुरुषों महिला किसानों के प्रतिरोध के कारण बिना सर्वे बैरंग लौटना पड़ा ।

उल्लेखनीय है कि यूपीडा द्वारा हैदर गढ़ क्षेत्र में औद्योगिक पार्क बनाने के लिए बेंगलुरु की एक कंपनी को टेंडर दिया गया है । जिसके तहत कंपनी के अधिकारियों द्वारा किसानों के विरोध के बावजूद जमीनों की पैमाइश कराई जा चुकी है ।

 यही नहीं जमीन पर पेंट से निशान बनाकर चिन्हित किया गया है। इस संबंध मे भिखरा गोसुपुर, खरसतिया कल्याणपुर मजरे अंसारी भट्टखेरा एवम अमेठी जनपद के नगियामऊ धरगही हिंदू का पुरवा परगना इन्हौना तिलोई के किसानों ने शासन प्रशासन को पत्र भेजकर किसानों की उपजाऊ व सिंचित जमीनों को अधिग्रहित ना करने की गुहार लगाई थी। 

जिसके बावजूद जमीन पर चिन्हाकन कर दिया गया और आज रविवार को औद्योगिक पार्क बनाने का टेंडर पाने वाली बेंगलुरु की कंपनी के अधिकारी भी आ गए । इसकी सूचना पाते ही उक्त गांव के किसान बड़ी संख्या में खेतों में पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे जिसके बाद कंपनी के अधिकारी बिना सर्वे की ही वापस चले गए । 

भूमि का सर्वे करने आई टीम को सैकड़ों पुरुषों महिला किसानों के प्रतिरोध के कारण बिना सर्वे बैरंग  पड़ा  लौटना

विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रधान भिखरा नीरज सिंह, प्रधान खरसातिया अरुण कुमार यादव, प्रदीप सिंह चंद्रजीत यादव माताफेर मिश्रा अमित मिश्रा अंजनी मिश्रा अर्जुन सिंह खालिक ,रामकिशोर हरिप्रसाद शिवदर्शन अमर बहादुर सिंह अरविंद सिंह पुनवासी योगेंद्र आदि किसानों ने बताया कि शासन द्वारा हमारे गांव की लगभग 2000 हेक्टेयर जमीन औद्योगिक पार्क के निर्माण के लिए अधिग्रहण किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं जबकि विगत में भी हमारी जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग 731 में पूर्व से अधिग्रहित की जा चुकी है । 

प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि हम छोटी-छोटी जमीनों के कस्तकार हैं। उपजाऊ होने के कारण एवं नहरो से पूर्णरूपेण सिंचित होने की वजह से खेतों में रबी खरीफ व जायद की फसलों की पैदावार भरपूर है और इसी के सहारे आजीविका चलती है। यदि चर्चा के अनुसार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से लेकर हाईवे 731 के दोनों तरफ  औद्योगिक पार्क बन गया तो हजार किसानों की आजीविका का मुख्य सहारा छिन जाएगा । 

आक्रोशित किसानों ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो किसान अधिग्रहण के विरोध में  तहसील मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन को बाध्य होंगे । किसानों ने शासन प्रशासन से उनकी उपजाऊ व सिंचित जमीन को ना छीनने की गुहार लगाई है और उक्त औद्योगिक पार्क कहीं अलग असिंचित बंजर व उसर जमीन में लगाने की अपील की है ।

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