पहली बाढ़ में ही डूब गया सौ करोड़ की बांध परियोजना अब खतरे की आशंका से सहमे ग्रामीण इलाके के लोग

पहली बाढ़ में ही डूब गया सौ करोड़ की बांध परियोजना अब खतरे की आशंका से सहमे ग्रामीण इलाके के लोग 

ब्यूरो रिपोर्ट-प्रमोद रौनियार बड़ी गंडक नारायणी नदी उफान पर नेपाल के बाल्मीकिनगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ जाने के साथ उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में मानसून सत्र आते ही लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनपद के उत्तर बिहार सीमा से निकली बड़ी गंडक नारायणी नदी उफान पर है। नारायणी नदी में

ब्यूरो रिपोर्ट-प्रमोद रौनियार

बड़ी गंडक नारायणी नदी उफान पर


नेपाल के बाल्मीकिनगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ जाने के साथ उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में मानसून सत्र आते ही लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनपद के उत्तर बिहार सीमा से निकली बड़ी गंडक नारायणी नदी उफान पर है। नारायणी नदी में लगातार बढ़ रही जल स्तर की बृद्धि से सीमा क्षेत्र के बसे गांव पर संकट गहराता हुआ नजर आ रहा है। दियारा क्षेत्र में बोई गई लाखों हेक्टेयर गन्ना धान केला आदि की फसल डूब गई है।वही फसलों को डूबने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच गई है।


वहीं दूसरी तरफ अहिरौली दान पिपराघाट बांध पर स्वीकृत 104 करोड़ की परियोजनाओं पर पानी फिर गया है। अहिरौली दान क्षेत्र के जानकारों ने बताया कि अहिरौली दान पिपराघाट बांध पर अभी स्वीकृत परियोजनाओं का 60 परसेंट कार्य ही पूर्ण हुआ था जो अब डूब चुका है। आलम यह हुआ है कि बाढ़ की पानी में जो भी स्वीकृति कार्य हुआ है वह अब दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों ने आशंका जाहिर किया है कि इसब भयंकर बाढ़ में कभी भी कोई खतरा उत्पन्न हो सकता है। जिस अंदेशे को भी टाला नहीं जा सकता है।


बताते चलें कि कुशीनगर जिले के जिलाधिकारी भूपेंद्र एस चौधरी ने अहिरौली दान पिपराघाट बाघ पर चल रही परियोजनाओं का निरीक्षण भी किए थे और इससे जुड़े अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी भी दिए थे कि बाढ़ पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए और यह भी चेताया था कि यदि बाढ़ से गांव को कोई क्षति पहुंचती है तो उसके जिम्मेदारों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।


फिलहाल अब तो हालात बदल चुके हैं अब जरूरत इस बात की है कि शासन और प्रशासन को सीमा क्षेत्र में बसे इलाकों को बचाने के लिए सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि पूर्व की तैयारियों से कोई किसी प्रकार का जान माल का खतरा उत्पन्न होने से पहले लोग सुरक्षित किए जा सके।


मौके पर दो अभियंताओं की निगरानी टीम में सहायक अभियंता एसके प्रियदर्शी के नेतृत्व में जेई चंद्रप्रकाश राकेश राजेश सिंह सुनील यादव सहायक अभियंता आमोद कुमार सिंह के साथ जेई श्रीराम यादव रमेश धर दुबे की टीम फ्लड फाइटिंग पर नजर रखी हुई है।

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