किसानों की बढ़ी मुश्किलें धान की नर्सरी करने के लिए नहरों में नहीं छोड़ा जा रहा पानी
जितनी समय किसानों को धान की नर्सरी करना है उस समय नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है
स्वतंत्र प्रभात-
विकासखंड के किसानों का कहना है कि जितनी समय किसानों को धान की नर्सरी करना है उस समय नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है जिसकी वजह से धान की नर्सरी करने के लिए किसानों में मायूसी छा गई है देखा जाए तो बहुत से ऐसे किसान हैं कि नहरों के भरोसे धान की नर्सरी की बुवाई करते हैं वह किसान बहुत दुखी नजर आ रहे हैं ऐसा ही मामला कुंदनगंज माइनर का है जहां हजारों किसान इस माइनर से धान की नर्सरी करते थे लेकिन इतनी समय यह नहर सूखी पड़ी है
जिसकी वजह से किसानों की धान की नर्सरी की बुवाई पीछे जा रही है जबकि कई गांव के किसानों का कहना है कि जल्द से जल्द सूखी माइनर में पानी छोड़ा जाए जिससे कि धान की नर्सरी की बुवाई समय पर की जा सके क्योंकि देखा जाए तो धान की नर्सरी का समय किसानों का निकलता जा रहा है जिसकी वजह से किसानों में माननीयों के प्रति आक्रोशित नजर आ रहे है क्योंकि हजारों किसानों की धान की नर्सरी कुंदनगंज माइनर के पानी से की जाती है लेकिन अबकी बार समय निकलता जा रहा है
जिसकी वजह से यहां का किसान माननीयों से गुहार लगा रहा है कि माइनर में जल्द से जल्द पानी छोड़ने का आदेश दिया जाए क्योंकि और कोई साधन किसानों के पास नहीं है जिसकी वजह से धान की नर्सरी नहीं हो पा रही है।

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