
पिपरासी दियरा में चार बाघ विचरण करते देख मजदूरों के होश उड़े
पिपरासी दियरा में चार बाघ विचरण करते देख मजदूरों के होश उड़े
– मनियां छापर के लोग कर रहे रखवाली
कुशीनगर।
जिले के जटहां बाजार थाना के बगल बिहार के थाना पिपरासी पंचायत के मनिया छापर गांव के सामने गोठिलवा सरेह में बाघ विचरण को देख मजदूरों की होश उड़ गए। ग्रामीण प्रदीप साहनी, गिरजा देवी ,नंदू कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग मवेशी के चारा के लिए सरेह में गए थे । तो चार बाघ एक साथ विचरण कर रहे थे और एक नीलगाय पर हमला बोलकर उसे मौत के घाट उतार दिया। किसी तरह से हम लोग वहां से भाग कर गांव में पहुंचे और इसकी सूचना ग्रामीणों को दिया।
गांव से करीब 300 मीटर पर यह विचरण कर रहे हैं । कभी भी रियासी इलाके में प्रवेश कर घटना को अंजाम दे सकते हैं । इसकी सूचना पिपरासी थाना पुलिस को भी ग्रामीणों ने दिया।
प्रभारी थानाध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा पुलिस बल के साथ पिपरा पिपरा बांध पहुंचे । और लोगों को उक्त सरेह की तरफ नहीं जाने की हिदायत दिया । गांव के ग्रामीण प्रदीप साहनी, महाजन साहनी, उमेश, सुरेंद्र, रमेश,मनोज, चंद्रभान,विरजू,भुलन आदि लाठी डंडा के लेकर बाघ की रखवाली कर रहे हैं । ताकि गांव में प्रवेश नहीं कर सके । वन विभाग को इसकी सूचना ग्रामीणों ने दी है । खबर प्रेषण तक वन विभाग की टीम यहां नहीं पहुंची थी । भयभीत ग्रामीण फ दियारे में खेती किसानी करने नहीं जा रहे हैं ।
रतजगा ग्रामीण करने को मजबूर हैं। पूर्व प्रमुख यशवंत नारायण यादव ने बताया कि बाघ विचरण करने की सूचना ग्रामीणों के द्वारा मिल रही है । लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि उक्त दियारे के तरफ नहीं जाएं । बता दें कि मदनपुर जंगल से भटक कर यह बाघ शनिवार की रात्रि में पहुंचे हैं । इससे पूर्व भी बाघ बलूआ दियारे, मधुबनी दियारे में अपने दो शावकों के साथ पहुंचे थे । एक गैंडा भी जंगल से करीब 3 साल पहले भटक कर गंडक नदी पार करके उत्तर प्रदेश के जटहा बाजार थाना क्षेत्र में पहुंच गया था और इसी दियारे से वन विभाग ने रेस्क्यू कर उस गैंडा को पकड़ा था। जंगल की दूरी यहां से करीब 14 किलोमीटर है।
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