किसानों की सहायता ले सरकार – अभी खुले में पडा है भारी मात्रा में गेहूँ, नहीं हो रहा उठान
स्वतंत्र प्रभात- नये बनाए गए पर्चेज सेंट्रो व मंडियों में खरीदा गया गेहूं तथा नई आवक वाली ढेरियां भारी मात्रा में पड़ी है । मंडियों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर गेहूं का उठान ठेकेदारों के रहमों- करम पर है। आगामी दो-तीन दिनों में मौसम के खराब रहने के आसार बताए गए हैं । ऐसी स्थिति में यदि बारिश आ जाती है
स्वतंत्र प्रभात-
नये बनाए गए पर्चेज सेंट्रो व मंडियों में खरीदा गया गेहूं तथा नई आवक वाली ढेरियां भारी मात्रा में पड़ी है । मंडियों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर गेहूं का उठान ठेकेदारों के रहमों- करम पर है। आगामी दो-तीन दिनों में मौसम के खराब रहने के आसार बताए गए हैं । ऐसी स्थिति में यदि बारिश आ जाती है तो इन सेंटरों व मंडियों में पड़ा हुआ गेहूं फिर भीग जायेगा । त्रिपाल व अन्य ढकने की कोई समुचित व्यवस्था दूर दूर तक नजर नहीं आती ।
ऐसी स्थिति में वह भीगा हुआ गेहूं व उस से बना आटा सरकार के गोदामों से होता हुआ राशन डिपुओं पर बांटने के लिए आने की प्रबल सम्भावना है । एक ओर नागरिक कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं दूसरी ओर ठेकेदारों के द्वारा गेहूं उठान में ढील अन्य बीमारियों को न्योता देने को है।
ऐसी स्थिति में जिम्मेदार अधिकारियों व सरकार को उन ठेकेदारों के लाइसेंस तुरंत रद्द कर देनी चाहिए जो गेहूं का उठान नहीं कर रहे हैं । उनके स्थान पर भारतीय किसान युनियन की सहायता से ट्रैक्टर ट्रॉली द्वारा किसानों की सेवाएं ले कर गेहूँ का तुरंत उठान करवाना चाहिए।
इस बार गेहूं बेचने में किसानों को जो दिक्कतें आईं और घाटे में से गुजरना पड़ा है उसकी कुछ हद तक भरपाई हो सकती है । इस तरह किसानों की थोडी-सी मदद करके सरकार भी मुहं दिखाने लायक हो जायेगी।
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