Haryana: हरियाणा में नए DGP की नियुक्ति तेज, UPSC को भेजा गया नया पैनल
Haryana News: हरियाणा में नए पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। राज्य सरकार ने 30 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके आईपीएस अधिकारियों का एक नया पैनल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेज दिया है। खास बात यह है कि इस पैनल में पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर का नाम एक बार फिर शामिल किया गया है।
इन रिटायरमेंट्स को देखते हुए पुलिस के शीर्ष पद को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के बीच पैरवी तेज हो गई है। सरकार द्वारा यूपीएससी को भेजे गए नए पैनल में शत्रुजीत कपूर के अलावा अजय सिंघल, आलोक मित्तल, एएस चावला और संजीव जैन के नाम शामिल हैं।
इस वजह से भेजना पड़ा नया पैनल
इससे पहले सरकार द्वारा भेजा गया डीजीपी पैनल यूपीएससी ने लौटा दिया था। आयोग का कहना था कि वर्तमान में डीजीपी का पद औपचारिक रूप से खाली नहीं है। दरअसल, आईपीएस वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में नाम आने के बाद शत्रुजीत कपूर छुट्टी पर चले गए थे। उनकी अनुपस्थिति में डीजी रैंक के आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।
यूपीएससी ने स्पष्ट किया था कि जब तक शत्रुजीत कपूर का अन्यत्र तबादला नहीं होता या पद रिक्त नहीं होता, तब तक नया पैनल स्वीकार नहीं किया जा सकता। अब ओपी सिंह के 31 दिसंबर को रिटायर होने के चलते सरकार ने दोबारा पैनल भेजा है।
DGP की रेस में ये तीन बड़े दावेदार
डीजीपी पद की दौड़ में प्रमुख नामों में 1992 बैच के अजय सिंघल शामिल हैं, जो वर्तमान में सतर्कता एवं भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो के महानिदेशक हैं। इसके अलावा 1993 बैच के आलोक मित्तल, जो हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक हैं, और 1993 बैच के अर्शिंदर सिंह चावला, जो मधुबन स्थित हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक हैं, भी दावेदार माने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अजय सिंघल इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं।
देरी होने पर बन सकता है कार्यवाहक DGP
तीन वरिष्ठ अधिकारियों की सेवानिवृत्ति को देखते हुए सरकार चाहती है कि वर्ष के अंत से पहले नए डीजीपी की नियुक्ति कर दी जाए। हालांकि, यदि चयन प्रक्रिया में देरी होती है, तो अंतिम नियुक्ति तक किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी का प्रभार सौंपा जा सकता है। इन रिटायरमेंट्स के बाद नए साल में हरियाणा पुलिस के शीर्ष नेतृत्व में बड़े प्रशासनिक फेरबदल की भी संभावना जताई जा रही है।
ओपी सिंह को नहीं मिला एक्सटेंशन
पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर का नाम आईपीएस वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में सामने आने के बाद ओपी सिंह को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। हालांकि, ओपी सिंह का कार्यकाल भी 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। केंद्र सरकार ने उनके छह महीने के एक्सटेंशन को मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में 1 जनवरी 2026 से हरियाणा को नया स्थायी डीजीपी मिलने की संभावना लगभग तय मानी जा रही है।

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