New Expressway: यूपी में बनेगा ये नया एक्सप्रेसवे, किसानों की जमीन बन जाएगी सोना
New Expressway: उत्तर प्रदेश पहले ही देश का सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन चुका है और अब एक और मेगा एक्सप्रेसवे की तैयारी तेज हो गई है। शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे के जरिए पूर्वांचल को पश्चिमी यूपी से सीधे जोड़ने की योजना है। करीब 700 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण सात चरणों में किया जाएगा, जिससे प्रदेश की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे की शुरुआत शामली जिले के थानाभवन क्षेत्र के गोगवान जलालपुर से होगी। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे से जुड़ते हुए गोरखपुर और आगे नेपाल सीमा तक जाएगा। कुल 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरने वाले इस प्रोजेक्ट को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा विकसित किया जाएगा।
2026 में अधिसूचना, फिर शुरू होगा भूमि अधिग्रहण
जानकारी के अनुसार वर्ष 2026 में इस एक्सप्रेसवे की अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद एनएचएआई द्वारा सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी और जिला प्रशासन की राजस्व टीम के साथ मिलकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
दो बड़े चरणों में होगा निर्माण
एक्सप्रेसवे का निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जाएगा।
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पहले चरण में शामली से पुवायां तक लगभग 450 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा।
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दूसरे चरण में पुवायां से गोरखपुर तक करीब 300 किलोमीटर का निर्माण किया जाएगा।
नए सिरे से किया गया एलाइनमेंट
पहले किए गए सर्वे में एक्सप्रेसवे का रूट गोरखपुर से बस्ती, गोंडा और सीतापुर के रास्ते तय किया गया था, लेकिन अब नए सिरे से एलाइनमेंट तैयार किया गया है। संभावना है कि नया रूट नेपाल सीमा के पास के जिलों से होते हुए लखनऊ, सीतापुर, बरेली, मेरठ, बिजनौर और मुजफ्फरनगर के जरिए शामली तक पहुंचेगा।
यात्रा समय में होगी बड़ी बचत
एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद गोरखपुर से शामली तक की यात्रा का समय घटकर करीब 7 से 8 घंटे रह जाएगा।
इन 22 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
शामली–गोरखपुर एक्सप्रेसवे मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, सीतापुर, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर और गोरखपुर सहित कुल 22 जिलों से होकर गुजरेगा। इससे इन जिलों के किसानों और स्थानीय लोगों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
रोजगार और विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस मेगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से औद्योगिक शहरों और कस्बों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मालवाहन की लागत घटेगी, राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात का दबाव कम होगा और सड़क हादसों में भी कमी आने की संभावना है।

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