Haryana: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, भ्रष्ट पंचायतों पर नकेल कसने के लिए उठाया ये कदम
Haryana News: हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने पंचायतों में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब सरपंच और पंच विकास कार्यों में अनियमितता या ग्राम पंचायत की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामलों में आसानी से बच नहीं सकेंगे। सरकार पंचायती राज अधिनियम की धारा 53 की उपधारा (5) में संशोधन करने जा रही है, जिससे इन पदाधिकारियों पर लंबे समय तक कार्रवाई संभव हो सकेगी।
वर्तमान कानून में यह प्रावधान था कि कार्रवाई केवल पद से हटने के दो साल या गड़बड़ी की तारीख से छह साल, जो पहले हो, तक ही की जा सकती थी। इस वजह से कई बार सरपंच जांच में देरी करवा कर आसानी से बच निकलते थे। शिकायतें पद से हटने के बाद आती थीं और जांच में सहयोग न देकर समय बिताया जाता था, जिससे कानूनी कार्रवाई का मौका हाथ से निकल जाता था। नए प्रस्तावित नियम से इस प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी और नुकसान की भरपाई सुनिश्चित की जा सकेगी।
इसके साथ ही सरकार ने ग्राम पंचायतों की शामलात (साझा) देह भूमि को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है। 2023 में हुए संशोधन के तहत 31 मार्च 2004 या उससे पहले तक बने 500 वर्ग गज तक के निर्माणों को वैध करते हुए कब्जेदारों को मालिकाना हक देने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इसमें शर्त यह थी कि मालिकाना हक देते समय जमीन का मूल्य बाजार दर से कम न हो।
अब सरकार ने महसूस किया है कि प्रत्येक गांव में शामलात जमीन की बाजार दर तय करना व्यवहारिक नहीं है। इसलिए नया संशोधन लाकर यह प्रस्तावित किया गया है कि ऐसी जमीनें ग्राम पंचायतें सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर बेच सकेंगी। इससे न केवल प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि ग्रामीणों को जमीन पर मालिकाना हक हासिल करना भी आसान हो जाएगा।

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