Haryana: हरियाणा में स्कूल–अस्पताल बनाना होगा महंगा, कृषि भूमि पर कमर्शियल गतिविधियों के लिए अब देना होगा EDC
Haryana News: हरियाणा सरकार ने शहरी क्षेत्रों से सटे कृषि भूमि पर हो रही व्यावसायिक गतिविधियों पर नियंत्रण और राजस्व बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब इन क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल, पेट्रोल पंप या अन्य व्यावसायिक निर्माण के लिए CLU (चेंज ऑफ लैंड यूज़) के साथ-साथ EDC (एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज) भी देना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था पहले केवल शहरी क्षेत्रों में लागू थी, लेकिन अब इसे शहरों से सटे कृषि क्षेत्रों में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है।
EDC लागू करने की तैयारी
अब तक क्या था नियम?
अब तक हरियाणा में केवल नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के दायरे में आने वाली जमीनों पर EDC लागू था। कृषि भूमि पर कमर्शियल उपयोग के लिए केवल CLU फीस ली जाती थी। लेकिन नए प्रस्ताव में अब इन दोनों शुल्कों को अनिवार्य किया गया है।
बिल्डर पहले से वसूलते हैं EDC
हरियाणा में रियल एस्टेट डेवलपर्स पहले से ही EDC शुल्क को प्रोजेक्ट कॉस्ट में शामिल कर ग्राहकों से वसूलते हैं। ये चार्ज आमतौर पर प्रति वर्गफुट के हिसाब से लगाया जाता है और इसमें फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) जैसे मानकों का उपयोग होता है।
EDC की दरें कैसे तय होती हैं?
EDC की कोई एक निश्चित दर नहीं है। इसकी गणना प्रोजेक्ट के प्रकार, स्थान और विकास स्तर के आधार पर की जाती है। दिसंबर 2024 में हरियाणा सरकार ने रियल एस्टेट ज़ोन में EDC दरों में 20% की वृद्धि को मंजूरी दी थी। इसके बाद हर वर्ष 10% की वार्षिक वृद्धि का भी प्रावधान रखा गया है।

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