संविलियन विद्यालय मैनापुर में दिखी अव्यवस्था, बच्चे गेट के बाहर आए नजर
जर्जर भवन, और गंदे शौचालय में बच्चे जाने को मजबूर
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स्वतंत्र प्रभात।
ब्यूरो प्रयागराज ।
विकासखंड भगवतपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत मैनापुर का संविलियन विद्यालय इन दिनों चर्चाओं में है। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में पढ़ाई से लेकर मिड-डे मील तक सब गड़बड़ चल रहा है। प्रधानाध्यापिका और स्टाफ पर बच्चों की पढ़ाई में लापरवाही और मध्यान्ह भोजन योजना (एमडीएम) में धांधली के आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायतें करने के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे नाराज़गी और गहरी होती जा रही है। ग्रामीण बोले न पढ़ाई ठीक, न मिड-डे मील, गाँव के निवासी जितेंद्र कुमार भारतीय ने बताया कि विद्यालय की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।
“बच्चों को तय मीनू के हिसाब से भोजन नहीं दिया जाता। हमने कई बार मौखिक शिकायतें, प्रधानाध्यापिका और उच्चाधिकारियों से कीं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।” गाँव के कुछ अभिभावकों ने कहा कि वे खुलकर शिकायत करने से डरते हैं। उनका कहना है कि अगर शिकायत की तो प्रधानाध्यापिका और मास्टर बच्चों पर दबाव डाल देंगे, जिससे पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो जाएगी। ग्रामीणों ने विद्यालय की उपस्थिति प्रणाली पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि हाजिरी रजिस्टर और पोर्टल पर चढ़ाई गई उपस्थिति में भारी अंतर होता है। बच्चों की उपस्थिति कम रहती है, लेकिन आँकड़े बढ़ाकर दर्ज किए जाते हैं।
विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति किसी हादसे को दावत देती दिख रही
आरोप है कि पिछले एक महीने से बच्चों को तय मीनू नहीं मिल रहा। सब्जी बिना प्याज और बेहद कम तेल में पकाई जाती है। सोमवार को जहाँ सब्जी रोटी देने का प्रावधान है, वहाँ चावल परोस दिया जाता है। बच्चोकोको दूध भी नाम मात्र का दिया जाता है ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि अध्यापक और अध्यापिकाएं महीने में दो-तीन बार स्कूल से गायब ही रहते हैं। वहीं विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति किसी हादसे को दावत देती दिख रही है। छत से सरिया नजर आ रही है, दीवारें टूट रही हैं और कई जगह पानी टपकता है। एक भवन पूरी तरह जर्जर हालत में है।
सवाल यह है कि बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा
विद्यालय परिसर के शौचालयों की हालत भी बेहद खराब है। सफाईकर्मी महीनों से स्कूल नहीं आता, जिसके चलते शौचालयों में गंदगी का अंबार लगा रहता है। बच्चों की सुरक्षा पर खतरा विद्यालय में पठन-पाठन के दौरान बच्चे अक्सर कक्षाओं से बाहर घूमते रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के ठीक पीछे यमुना नदी बह रही है। जो इस समय अपने उफान पर बह रही है। ऐसे में अगर कोई बच्चा नदी की ओर चला जाए तो बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। अब सवाल यह है कि बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?सोमवार को जब मीडिया की एक टीम विद्यालय पहुँची तो स्थिति स्पष्ट हो गई। आरोपों की पुष्टि करते हुए यह देखा गया कि लंच के आधे घंटे बाद बच्चों के लिए फल मंगाया गया वही इस बारे में ग्राम प्रधान से भी जब बात की गई तो उसका कहना है कि हां कुछ गड़बड़ियां सामने आई है।
आखिर गैर जिम्मेदारों की वजह से नन्हे मुन्ने बच्चों को न समय से फल वितरण किया जाता है और न एमडीएम ग्रामीणों की शिकायत पर आज मीडिया की टीम विद्यालय पहुंची थी जहां विद्यालय का सभी स्टाफ मौजूद मिला। इस मामले में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से फोन पर संपर्क कर बात की गई तो उन्होंने कहा, “मामले की शिकायत मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो जांच कराई जाएगी। और आरोप सही पाए गए तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।” ग्राम पंचायत मैनापुर का संविलियन विद्यालय सरकार की मंशा और शिक्षा विभाग की नीतियों के विपरीत काम करता दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों के आरोप गंभीर हैं, जिनमें न सिर्फ भ्रष्टाचार बल्कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े सवाल भी शामिल हैं। अब देखना होगा कि प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई होती है या मामला महज़ जांच तक सीमित रह जाता है। या फिर जिम्मेदार अपनी मनमानी करने से बाज आएंगे।
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