घर-घर पधारे गणेश, गणेश चतुर्थी पर विशेष 

घर-घर पधारे गणेश, गणेश चतुर्थी पर विशेष 

कानपुर।  श्री गणेश चतुर्थी के आते ही गणेश पंडाल सज चुके हैं। कोई बड़ा तो कोई छोटा आयोजन कर रहा है। किसी ने बड़े पंडाल में तो किसी ने अपने घर में ही गणेश जी को विराजमान किया है। गणेश चतुर्थी एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार की अनेक मान्यता और महत्व हैं।
 
भगवान गणेश का जन्म
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था, जो बुद्धि, ज्ञान और सुख-समृद्धि के देवता माने जाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
 
विघ्नहर्ता की पूजा
 भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है, जो सभी बाधाओं और विघ्नों को दूर करने वाले हैं।
- इस दिन लोग गणेश जी की पूजा करके अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं।
 
मूर्ति स्थापना और विसर्जन
गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इसके बाद, अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है, जो एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।
 
सांस्कृतिक महत्व
गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है, जो एकता, समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने घरों में और सार्वजनिक स्थानों पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन लोग अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं और गणेश जी की कृपा से अपने जीवन को सुखमय बनाने की आशा करते हैं।
 
वैसे तो गणेश चतुर्थी मुख्य रूप से महाराष्ट्र का त्योहार है, जहां यह बहुत उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है और इसे पूरे राज्य में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन अब उत्तर भारत में भी इसकी महत्ता बढ़ गई है और लोग धूमधाम से इस पर्व को मनाने लगे हैं।
 
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान लोग पारंपरिक वेशभूषा में तैयार होकर गणेश जी की पूजा करते हैं और उन्हें मोदक और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं।महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के दौरान सार्वजनिक गणेश पंडालों का आयोजन भी किया जाता है, जहां लोग एकत्र होकर गणेश जी की पूजा करते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं।
 
अन्य क्षेत्रों में गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इसका विशेष महत्व है।
अन्य क्षेत्रों में भी लोग गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाते हैं, लेकिन महाराष्ट्र की तरह इतना उत्साह और धूमधाम से नहीं मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भगवान गणेश की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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