जिला मुख्यालय के नामी अथर्व स्कैन सेंटर पर मिली घोर अनियमितता, सीज
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम अकबरपुर ने स्कैन सेंटर किया सीज
अम्बेडकर नगर।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रतीक्षा सिंह एसडीएम अकबरपुर और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी के दौरान अप्रशिक्षित डॉक्टर को अल्ट्रासाउंड करते हुए पाया। जिसके बाद अधिकारियों ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए अप्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा किए जा रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील कर दिया।
उप जिलाधिकारी ने बताया कि सूचना मिलने पर आवश्यक निरीक्षण किया गया। जिसमे यह पाया गया कि अल्ट्रासाउंड करने वाला व्यक्ति पीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड डॉक्टर नहीं था। पहले उक्त व्यक्ति ने अल्ट्रासाउंड करने से इनकार किया लेकिन मरीजों से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसी व्यक्ति ने सबका अल्ट्रासाउंड किया था। स्कैन सेंटर की गहनता से जांच में कई अनियमितताएं सामने आई। जांच में यह भी पाया गया कि अल्ट्रासाउंड के लिए भरा जाने वाला फॉर्म एक जुलाई के बाद से मेंटेन नहीं किया गया है। केंद्र के रजिस्टर्ड डॉक्टर ने 18 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था इसके बाद भी अप्रशिक्षित डॉक्टर से अल्ट्रासाउंड कराया जा रहा था। एसडीएम ने यह भी बताया कि सेंटर प्रबंधन ने जांच में सहयोग नहीं किया जिसके कारण लगभग 2 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। उपरोक्त विषय पर स्कैन सेंटर के मैनेजर और मालिक ने कोई जवाब नहीं दिया। सेंटर के सीसीटीवी फुटेज में भी गड़बड़ी मिली। 17 अगस्त के बाद का कोई फुटेज नहीं दिखाया गया इन सभी गंभीर एनीमियताओं के चलते एसडीएम ने केंद्र को सीज कर दिया।
फिलहाल जानकारी के लिए बताते चलें कि जिले कई बड़े डॉक्टर इसी अथर्व स्कैन लैब के दीवाने है उनके द्वारा मरीजों को इसी स्कैन सेंटर के लिए प्रेरित करके भेजा जाता है कि वहां अथर्व पर जाएं वहां अच्छी जॉच होगी।
सीएमओ से नहीं हो सकी बात
जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से बढ़ाने और व्यवस्थित रखने के लिए जिम्मेदार संजय कुमार शैवाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी अम्बेडकरनगर से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया तो सीयूजी फोन किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उठाया गया और यह बताया गया कि साहब अभी मीटिंग में है। फिलहाल आजकल के अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर ऐसा उत्तर मिलना आम बात हो गई है। सीएचसी अधीक्षक अकबरपुर से मामले के बाबत जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
विचारणीय विषय यह है कि जिला मुख्यालय के तुरंत बगल का यह हाल है तो जिले के अन्य क्षेत्रों का क्या हाल होगा?
यदि गहनता से जांच किया जाय तो और भी डाइग्नोसिस एवं पैथोलॉजी सेंटर ऐसे पाए जाएंगे, जिस डाक्टर के नाम से रजिस्टर्ड है वह डाक्टर अक्सर नदारद ही मिलेगा।

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