39 साल बाद कैद से रिहा हुए 'भगवान', कानपुर देहात के थाने में बंद थे ।

39 साल बाद कैद से रिहा हुए 'भगवान', कानपुर देहात के थाने में बंद थे ।

स्वतंत्र प्रभात।
ब्यूरो प्रयागराज ।


कानपुर देहात के डेरापुर थाने के मालखाने में कैद भगवान श्रीराम सीता व लक्ष्मण जी की मूर्तियों को 39 साल बाद रिहा कर दिया गया. अब प्रतिमा को धूमधाम से हथूमा गांव के रामजानकी मंदिर में स्थापित किया जाएगा. डेरापुर के राम जानकी मंदिर से 40 साल पहले भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की मूर्ति चोरी हुई थी. पुलिस ने मूर्ति को एक साल बाद बरामद कर लिया. हालांकि, कानूनी प्रक्रिया के तहत 39 साल बाद कोर्ट से न्याय मिला और कैद से बाहर आए.

बता दें, 1985 में डेरापुर थाने के हथुमा गांव में स्थित राम जानकी मंदिर से अष्टधातु से निर्मित भगवान की मूर्तियां चोरी हो गई थी. जिसकी रिपोर्ट डेरापुर थाने में प्रदुम कटियार ने दर्ज कराई थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर एक साल बाद 1986 में मूर्ति चोरी करने वाले गांव के ही शैलेंद्र के खेत से मूर्तियां बरामद कर ली थी. जिसके बाद पुलिस ने शैलेंद्र पर मूर्ति चोरी का संदेह जताया था.

हालांकि, शैलेंद्र ने इस मामले को निराधार बताया था और मामले की विवेचना न्यायालय में चलती रही. चार दशक बाद मंदिर के वर्तमान सर्वारकार राजा राम कटियार को डेरापुर थाना बुलाकर विधिवत रूप से तीनो मूर्तियां सौप दी गईं. मूर्तियों की वापसी पर गांव में खुशी की लहर दौड़ गई. ग्रामीणों ने उसे न्याय की जीत और ईश्वर की कृपा बताया है.

मंदिर के सर्वारकार राजा राम ने बताया की अब जल्द ही सुने पड़े राम जानकी मंदिर में भगवान राम लक्षण और माता सीता की मूर्तियां शुभ मुहूर्त में स्थापित कराई जाएंगी. मंदिर में पहले की तरह फिर से पूजा अर्चना शुरू की जाएगी. भगवान की मूर्तियां चोरी होने के बाद मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ था.

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