कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में बालिकाओं को एचपीवी टीके की दूसरी खुराक दी गई, गर्भाशय कैंसर से बचाव की पहल

टीकाकरण अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की जागरूकता फैलाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम

कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में बालिकाओं को एचपीवी टीके की दूसरी खुराक दी गई, गर्भाशय कैंसर से बचाव की पहल

अभियान में 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों के लिए महत्वपूर्ण अभियान

अजित सिंह / राजेश तिवारी (ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र/उत्तर प्रदेश-

 चिकित्सा विभाग द्वारा आज (29 जुलाई, 2025) सोनभद्र जिले के म्योरपुर और बभनी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पहल के तहत 9 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की 100 छात्राओं को ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन की दूसरी और अंतिम खुराक दी गई। इस टीकाकरण अभियान का उद्देश्य किशोरियों को गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय के मुख) के कैंसर से बचाना है, जो एचपीवी वायरस के कारण होता है। प्रत्येक विद्यालय में 50-50 बालिकाओं को यह महत्वपूर्ण वैक्सीन लगाई गई।

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इन बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की पहली खुराक इसी वर्ष 29 जनवरी, 2025 को दी गई थी, और छह महीने के अंतराल के बाद अब उन्हें दूसरी और अंतिम खुराक प्रदान की गई है। यह टीकाकरण अभियान माननीय राज्यपाल महोदया, उत्तर प्रदेश के विशेष निर्देशों के तहत आयोजित किया गया है और इसे बिरला कार्बन (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी - सीएसआर मद) के सौजन्य से वित्त पोषित किया गया है, जो सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में उनके समर्पण को दर्शाता है।

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एचपीवी वैक्सीन गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है, और एचपीवी वायरस इसका मुख्य कारण है। यह वायरस यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है, लेकिन टीकाकरण के माध्यम से इसके संक्रमण को रोका जा सकता है। विशेष रूप से 9 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों के लिए यह टीका अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस आयु में उनका शरीर वैक्सीन के प्रति बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करता है।

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चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि एचपीवी वैक्सीन आमतौर पर 6 माह के अंतराल पर दो खुराकों में दिया जाता है ताकि अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह पहल न केवल इन युवा बालिकाओं को एक गंभीर बीमारी से बचाएगी बल्कि उनके भविष्य के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखेगी।

यह टीकाकरण अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाने और महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बिरला कार्बन जैसे कॉर्पोरेट घरानों का सहयोग ऐसे अभियानों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उम्मीद है कि इस तरह के और अधिक कार्यक्रम भविष्य में भी चलाए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लड़कियों और महिलाओं को इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके।

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