13.80 लाख की लागत से बना गोशाला बना मौत का अड्डा।
एक गाय मृत, आठ मरणासन्न – आंखों में कीड़े, न चारा न पानी।
स्वतंत्र प्रभात।
ग्राम पंचायत बुटकुड़िया रामपुरजली स्थित गोशाला में गायों की दर्दनाक दुर्दशा ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल दी है। पंचम/पंचदशवां वित्त योजना वर्ष 2022-23 के तहत करीब ₹13.80 लाख की लागत से निर्मित इस गोशाला में व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा चुकी हैं। 8 अक्टूबर 2022 को लोकार्पित यह आश्रयस्थल अब गोवंश के लिए मौत का घर बन गया है।
हृदय विदारक दृश्य: एक मृत, आठ मरणासन्न।
मौके पर पहुंची मीडिया टीम ने जो नज़ारा देखा वह अत्यंत हृदय विदारक था। एक गाय मृत अवस्था में पड़ी थी, उसकी आंखों और शरीर पर कीड़े रेंग रहे थे। वहीं अन्य आठ गायें कुपोषण और पानी के अभाव में मरणासन्न अवस्था में थीं। न चारा, न पानी – सिर्फ सूखा भूसा और टूटी उम्मीदें।
गोशाला में ताले, मीडिया को रोकने की कोशिश* जब पत्रकार मौके पर पहुंचे, तो ग्राम प्रधान राधिका प्रसाद ने फोन पर साफ कह दिया कि “गेट नहीं खोला जाएगा।” पत्रकारों को अंदर जाने से रोका गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 112 नंबर डायल किया गया। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी अभिषेक, कांस्टेबल अशोक पांडे और सुमित प्रकाश की मौजूदगी में गेट खोला गया, तब जाकर असलियत सामने आई। *मीडिया को धमकी, फर्जी केस में फंसाने की साजिश? सूत्रों के अनुसार, कुछ अज्ञात युवतियों द्वारा पत्रकारों के साथ अभद्रता की गई और उन्हें फर्जी फिंगर रेप मामले में फंसाने की धमकी दी गई। यदि मौके पर पुलिसकर्मी मौजूद न होते, तो पत्रकारों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराए जाने की आशंका जताई जा रही है।
दूषित पानी, कीचड़ और बदबू – यही है गौसेवा?* गायों को काई जमा बदबूदार पानी पीने को मजबूर किया जा रहा है। कई गायों को तो पीने का पानी भी नसीब नहीं। स्वच्छ पेयजल और हरा चारा तो केवल कागज़ों में ही मौजूद है। *जवाब दीजिए अधिकारीगण ।
जिम्मेदार कौन? पद सवाल।
(1)जिलाधिकारी, प्रयागराज ने कभी इस गोशाला का निरीक्षण किया?(2) मुख्य विकास अधिकारी (CDO) वित्तीय निगरानी की जवाबदेही आपकी नहीं? (3) B.D.O., कौंधियारा ब्लॉक स्तर पर निगरानी क्यों नहीं हुई?(4) मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (CVO) पशुओं की स्वास्थ्य जांच कब हुई?(5) पशु चिकित्साधिकारी आपने इस गोशाला का हाल कब जाना?(6)ग्राम पंचायत सचिव अवनीश पटेल देखरेख की कोई रिपोर्ट क्यों नहीं?(7)ग्राम प्रधान राधिका प्रसाद मीडिया को रोककर क्या छिपाने की कोशिश? (8) लोक निर्माण विभाग / RDD निर्माण की गुणवत्ता की कभी जांच हुई? *घोटाला या लापरवाही? – योजना पर सवाल* लागत: ₹13.80 लाख- साइज: 40x76 वर्ग फीट-- निर्माण संस्था: VDO सोसायटी, प्रयागराज-- प्रबंधन समिति: ग्राम प्रधान, सचिव, गौपालक शिव कैलाश, आरती देवी, भोला, राम आसरे (चौकीदार), मनोज कुमार-- सरकारी गाइडलाइन के अनुसार प्रतिदिन दो पाली में भूसा, दाना, नमक व स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। हरा चारा भी आवश्यकतानुसार देना अनिवार्य है। पर जमीनी हकीकत बेहद शर्मनाक है।
यह खबर नहीं, करुण पुकार है…* सरकार के "गौ-संवर्धन" अभियान की सच्चाई यदि यही है, तो यह न सिर्फ नीति पर प्रश्नचिह्न है, बल्कि बेजुबान पशुओं के प्रति अमानवीय अपराध भी है। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच, आर्थिक एवं प्रशासनिक ऑडिट, तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग ज़रूरी है।> यह आवाज़ उन मूक जीवों की है, जिनके पास न जुबान है, न न्यायालय। बस एक आस है – समाज और प्रशासन से।
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