भैसवार में चकबन्दी प्रक्रिया का विरोध प्रदर्शन के परिपेक्ष में उप जिलाधिकारी घोरावल सहित क्षेत्राधिकारी घोरावल एस0ओ0सी0 चकबन्दी ने विरोध/प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों से किया सीधा संवाद

चकबन्दी प्रक्रिया में यदि किसी प्रकार की समस्या हो तो सक्षम स्तर पर अपनी शिकायत कराये दर्ज

भैसवार में चकबन्दी प्रक्रिया का विरोध प्रदर्शन के परिपेक्ष में उप जिलाधिकारी घोरावल सहित  क्षेत्राधिकारी घोरावल एस0ओ0सी0 चकबन्दी ने विरोध/प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों से किया सीधा संवाद

चकबन्दी प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण किया जाना शासन की शीर्ष प्राथमिकता

अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-

ग्राम भैसवार में चकबन्दी प्रक्रिया के सम्बन्ध किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के परिपेक्ष में उप जिलाधिकारी घोरावल क्षेत्राधिकारी घोरावल एवं चकबन्दी विभाग के अधिकारी द्वारा जा कर सम्बन्धित पक्षों से मुलाकात कर जानकारी प्राप्त की गयी और उन्हें चकबन्दी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गयी ।  inka

इस दौरान उप जिलाधिकारी घोरावल ने कहा कि मा0 न्यायालय अथवा शासन से चकबन्दी प्रक्रिया रोके जाने का कोई भी आदेश जहा तक अनियमित का प्रश्न है यदि कोई भी व्यक्ति इस सम्बन्ध में अपनी शिकायत करना चाहता है तो सक्षम स्तर पर जिलाधिकारी डी0डी0सी0 चकबन्दी बन्दोबस्त अधिकारी एवं चकबन्दी विभाग के अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है।

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चकबन्दी विभाग द्वारा ग्राम भैसवार में सन 1986 से चकबन्दी प्रक्रिया प्रारम्भ है चकबन्दी प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण किये जाने का आदेश चकबन्दी आयुक्त द्वारा दिया गया। इस दौरान ग्राम भैंसवार परगना बड़हर, तहसील घोरावल स्थित बछनार बीर बाबा नामक स्थल पर चकबन्दी प्रकिया से असंतुष्ट धरना पर बैठे ग्राम के कृषकों से वार्ता हेतु उपस्थित हुये। भारतीय किसान (लोक शक्ति), जनपद सोनभद्र के जिलाध्यक्ष बिरजू कुशवाहा के नेतृत्व में ग्राम के कृषक धरने पर हैं।

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धरना में शामिल कृषको की मांग यह है कि जिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा दिनांक-31 मार्च 1992 को चकबन्दी प्रक्रिया निरस्त कर सरे नौ से चकबन्दी प्रक्रिया शुरू किये जाने के आदेश की अवहेलना किया गया और चकबन्दी में बटा तरमीम एवं जोत कोड़, कब्जा के आधार पर भूचित्र अंकित नही किया गया तथा यह भी मांग है कि 450 बीघा फर्जी खतौनी के सम्बन्ध में चकबन्दी अधिकारी संजीव राय के अनिमियत आदेश को निरस्त किया जाय। बिरजू कुशवाहा (अध्यक्ष) व संजय कुमार यादव पूर्व प्रधान को विस्तार से सुना गया।

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उपजिलाधिकारी घोरावल द्वारा ग्राम के कृषको की समस्याओं को सुनने के बाद विचारोपरान्त अवगत कराया गया कि न्यायिक प्रक्रिया में पारित आदेश से असंतुष्ट कृषकगण सक्षम न्यायालय मे वाद योजित कर अनुतोष प्राप्त कर सकते हैं। इससें पूर्व दिनांक 05 जुलाई, 2025 को तहसील घोरावल में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा विशेष रूप से ग्राम भैंसवार के कृषको को सुना गया था और कृषको को यह अवगत कराया गया था कि समस्याओं के समाधान हेतु चकबन्दी अधिकारी, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी व उप संचालक चकबन्दी के न्यायालय ग्रामवासियों के लिए उपलब्ध है, कृषकगण अपनी समस्या का निस्तारण न्यायालयों के माध्यम से प्राप्त कर सकते है।

इस दौरान एस0ओ0सी0 चकबन्दी द्वारा बताया गया कि ग्राम भैंसवार वर्ष 1986 से चकबन्दी प्रक्रिया में है। इस ग्राम की चकबन्दी प्रक्रिया में धारा 10 के तक की कार्यवाही को दिनांक-31 मार्च 1992 को जिलाधिकारी द्वारा निरस्त कर दिया गया था, जो पुनः प्रारम्भिक स्थिति से शुरू होकर वर्तमान में गतिमान है। ग्राम की चकबन्दी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मा० उच्च न्यायालय द्वारा रिट सं0 471/2020 में दिनांक 18.02.2020 को आदेश पारित किया गया है।

यह भी स्पष्ट करना है कि बिरजू कुशवाहा (अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति) की पत्नी तथा संजय कुमार यादव स्वयं चकबन्दी समिति के अध्यक्ष रहे है, चकबन्दी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में ग्राम प्रधान का महत्वपूर्ण योगदान होता है, इनके द्वारा तत्समय चकबन्दी का विरोध नही किया गया। ग्राम में धरना पर बैठे कृषकों को सुनने के उपरान्त उन्हें अवगत कराया गया कि उनकी जो भी समस्याएं है उनका नियमानुसार निराकरण न्यायिक प्रक्रिया के अन्तर्गत संभव है। कृषक न्यायालय की शरण लेकर अनुतोष प्राप्त कर सकते है।

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