दवा से राहत नहीं, आफत! 3100 से ज़्यादा दवाएं निकलीं खराब, 245 नकली – सरकार ने खोली पोल
दवाओं की सुरक्षा के लिए सरकार का मेगा प्लान
बिहार से -: जितेन्द्र कुमार "राजेश"
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद में बताया कि अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच पूरे देश में 1,16,323 दवाओं के सैंपल जांचे गए, जिनमें से 3,104 दवाएं ‘स्टैंडर्ड क्वालिटी’ की नहीं थीं। यानी, ये दवाएं शरीर को ठीक करने के बजाय नुकसान पहुंचा सकती थीं। इतना ही नहीं, 245 दवाएं तो पूरी तरह नकली निकलीं!
घटिया दवाओं की फैक्ट्री चालू, सरकार अलर्ट
एक साल पहले की रिपोर्ट भी अलग नहीं थी। अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक हुई जांच में 2,988 दवाएं घटिया और 282 नकली मिलीं। इन मामलों में 604 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल ये संख्या बढ़कर 961 केस तक पहुंच गई।
अब सवाल उठता है – इन पर कार्रवाई कैसे होती है?
तो जवाब है – ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, जिसके तहत नकली या मिलावटी दवाएं बनाना गंभीर अपराध है। दोषी पाए जाने पर कंपनियों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है, स्टॉक तुरंत बाजार से हटाया जाता है, और उत्पादन पर रोक भी लग सकती है।
दवाओं की सुरक्षा के लिए सरकार का मेगा प्लान
हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने ‘औषधि उद्योग सुदृढ़ीकरण योजना (SPI)’ लागू की है। इसके तहत दवा उद्योग को मजबूती देने, नई टेस्टिंग लैब बनाने, पुरानी लैब को अपग्रेड करने और राज्य स्तरीय ड्रग कंट्रोल ऑफिस को आधुनिक बनाने का काम हो रहा है।
अब तक 17 नई टेस्टिंग लैब बन चुकी हैं, जबकि 24 मौजूदा लैब को अपग्रेड किया गया है। इस पर कुल 756 करोड़ रुपये का केंद्रीय अंशदान राज्यों को दिया जा चुका है।

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