बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम बना आम नागरिकों का सशक्त माध्यम
कैलाश मेहता को पांच माह से लंबित जमीन संबंधित अभिलेख हुआ प्राप्त
सुपौल (निर्मली)।
ऐसा ही एक उदाहरण सुपौल जिला अंतर्गत निर्मली के कैलाश मेहता का है, जिन्होंने मौजा रहरिया, थाना नं. 34, पंजी-2 के तहत संधारित जमाबंदी संख्या 58, 5, 148, 156 एवं 86 से जुड़ी जमीन अभिलेखों के लिए कई बार अंचल कार्यालय, निर्मली से संपर्क किया, लेकिन पांच महीने बीत जाने के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
थक-हारकर कैलाश मेहता ने 06 जून 2025 को परिवाद संख्या 506110106062501984 के तहत अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, निर्मली के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही पदाधिकारी द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए अंचलाधिकारी, निर्मली को सूचना भेजी गई। इसके पश्चात पत्रांक-886, दिनांक 16.07.2025 के माध्यम से अंचलाधिकारी ने सूचित किया कि संबंधित सभी अभिलेख अंचल कार्यालय में उपलब्ध हैं और परिवादी को सूचना (चिरकुट) उपलब्ध कराई जा चुकी है। कुल छह चिरकुट राजस्व कर्मचारी द्वारा सौंपे गए।
इस निष्पक्ष और समयबद्ध कार्यवाही से संतुष्ट होकर कैलाश मेहता ने कहा, "जो कार्य पिछले पांच महीनों से रुका था, वह लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत महज कुछ दिनों में पूर्ण हो गया। यह कानून आम लोगों के लिए अधिकार और भरोसे का प्रतीक है।"
गौरतलब है कि इस अधिनियम के अंतर्गत अब तक 17 लाख से अधिक मामलों का सफल निवारण हो चुका है। शिकायत निवारण के लिए परिवादी को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है; वे घर बैठे ही ऑनलाइन पोर्टल https://lokshikayat.bihar.gov.in, जन समाधान मोबाइल ऐप या टोल-फ्री नंबर 18003456284 के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
Read More Haryana: इनेलो राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय ने चौटाला ने मांगी Z+ सिक्योरिटी, हाईकोर्ट में याचिका की दायर राज्य में इस अधिनियम के क्रियान्वयन से न केवल सरकारी तंत्र की जवाबदेही बढ़ी है, बल्कि आम जनता का विश्वास भी सशक्त रूप से जुड़ा है।

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