बिनाशिक्षा बिभाग के पंजीकरण के स्कूल, लापरवाह चालक और मासूम जिंदगियां — जब मौत बन गई स्कूली वैन"

त्रिवेणीगंज में गैर निबंधित स्कूल की वैन ने ली रफ्तार, घर से टकराई, दो मासूम घायल

बिनाशिक्षा बिभाग के पंजीकरण के स्कूल, लापरवाह चालक और मासूम जिंदगियां — जब मौत बन गई स्कूली वैन

पटना  बिहार व्यूरो 

 बिहार के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जिले  सुपौल  के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के  लतौना दक्षिण पंचायत के तितुआहा वार्ड-12 में सोमवार की सुबह एक भयावह हादसे ने शिक्षा व्यवस्था की लचर व्यवस्था और घोर  लापरवाही को उजागर कर दिया। रेजिडेंशियल संत मोती दास किड्स केयर एकेडमी एंड हायर स्कूल कोचिंग सेंटर की एक तेज रफ्तार स्कूली वैन अनियंत्रित होकर एक ग्रामीण के घर से टकरा गई, जिससे दो स्कूली बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।


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तेज रफ्तार, मोबाइल पर बात करता चालक और अनियंत्रित वैन

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वैन चालक मोबाइल पर बात करते हुए अत्यधिक तेज गति से वाहन चला रहा था। त्रिवेणीगंज बाजार से शंकरपुर की ओर जाते समय सामने से आ रहे ट्रैक्टर को देखकर वैन का संतुलन बिगड़ गया, और वह मोड़ पर स्थित जगदीश यादव के घर से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि झोपड़ीनुमा मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

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घायल बच्चों की पहचान व उपचार

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वैन में कुल पांच छात्र सवार थे, जिनमें से दो की स्थिति गंभीर बताई गई। घायलों में तितुआहा निवासी लोकेश कुमार के 12 वर्षीय पुत्र अभिनव कुमार और झरकहा निवासी राजकिशोर यादव के 7 वर्षीय पुत्र रोहित कुमार शामिल हैं। दोनों बच्चों को तत्काल अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी स्थिति स्थिर बताई गई।

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बिना नंबर प्लेट, बिना पंजीकरण — स्कूल की पोल खोलते हैं तथ्‍य

हादसे के बाद लोगों ने बताया कि वैन बिना नंबर प्लेट के सड़कों पर दौड़ रही थी। जब मामले की पड़ताल हुई, तो सामने आया कि यह स्कूल सरकारी अनुमति एवं पंजीकरण के बिना वर्षों से संचालन कर रहा है। स्कूल संचालक सरोज कुमार यादव का दावा है कि उनके पास यूडाइस कोड है, लेकिन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी  प्रवीण कुमार ने सच्चाई उजागर कर दी।

डीपीओ प्रवीण कुमार ने स्पष्ट कहा कि यह संस्थान पंजीकृत नहीं है। वर्ष 2021 में जब इस स्कूल ने मान्यता हेतु आवेदन किया था, तो मानकों की कमी के कारण उसे खारिज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त संस्थानों को क्यूआर कोड और काउंटिंग नंबर उपलब्ध कराए जाते हैं, जो इस संस्थान के पास नहीं है।

सबूत मिटाने की कोशिश , स्थानीयों ने लगाए गंभीर आरोप

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद स्कूल प्रबंधन ने सबूत मिटाने की असफल कोशिश की। क्षतिग्रस्त वैन को तुरंत दूसरी जगह ले जाया गया और जिस झोपड़ी से टक्कर हुई, उसे आनन-फानन में ठीक करने का प्रयास किया गया। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि स्कूल प्रबंधन अपनी गलती छुपाने में जुटा रहा।

प्रशासन करेगा कार्रवाई, पुलिस जांच में जुटी

डीपीओ ने गैर-पंजीकृत संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन कर रही है। अभी तक इस घटना को लेकर किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं मिली है।

सवालों के घेरे में शिक्षा व्यवस्था

यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की उस गहरी खामी की ओर इशारा है जहाँ गैरकानूनी रूप से स्कूल चलाना, बिना लाइसेंस के वाहन दौड़ाना, और मासूमों की जान से खिलवाड़ करना एक आम बात बन चुकी है। प्रशासन को न सिर्फ इस स्कूल पर बल्कि ऐसे सभी अवैध शैक्षणिक संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी अभिभावक को अपने बच्चे को स्कूल भेजने से डर न लगे।

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