रॉबर्टसगंज में काब्य संध्या का आयोजन, कवियों को अंग वस्त्र देकर किया सम्मानित
हम विश्व रक्षा के लिए विषपान करते हैं, अस्थि से भी वज्र का निर्माण करते हैं:अजय शेखर
- काव्य संध्या का हुआ आयोजन
राजेश तिवारी ( क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट)
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-
रॉबर्ट्सगंज नगर स्थित कांग्रेस शहर अध्यक्ष हाजी फरीद अहमद के आवास पर शनिवार की शाम को कौमी एकता राष्ट्रीयता को समर्पित काव्य संध्या का आयोजन पूर्व चेयरमैन, चिंतक ,वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में विशिष्ट अतिथि कथाकार रामनाथ शिवेन्द्र व मुख्य अतिथि जिला क्वाडिनेटर राजीव गौतम के आतिथ्य में कार्य क्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी कवियों अतिथियों को अंगवस्त्र, लेखनी, पुस्तिका देकर अभिनंदन पश्चात ईश्वर विरागी के वाणी वंदना, निर्मल मन निर्झर सा कर दे, मां शारदे से आगाज हुआ।
अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर ने कहा कि राजनीति के केन्द्र में संस्कृति तो रावण राज्य और संस्कृति के केन्द्र में राजनीति तो राम राज्य होगा उनकी कविता हम विश्व रक्षा के लिए विषपान करते हैं, अस्थि से भी वज्र का निर्माण करते हैं सुनाकर आयोजन में चार चांद लगाये।
विशिष्ट अतिथि रामनाथ शिवेन्द्र ने युद्धों पर विशद वक्तव्य देकर कहा कि सदैव युद्ध ही जीतता है हारता है आदमी उनकी रचना हमें रोटियां ही दीजिये बहुत भूख लगी है, दे रहे हैं गीता कुरान किसलिए काफी सराही गई, राजीव गौतम ने देश को सर्वोपरि बताया।
प्रदुम्न कुमार त्रिपाठी एडवोकेट निदेशक शहीद स्मारक करारी ने बंदूक तोप खंजर की बात मत करिये खूनी मंजर की बात मत करिये प्यार मिल्लत से रहें आदमी बनकर बहार खिलती रहे बंजर की बात मत करिये सुनाकर महफ़िल लूट लिया।
कौशल्या कुमारी चौहान ने देशप्रेम की व नारी सशक्तिकरण पर अनमोल रचना दिल में हिंदुस्तान रखती हूँ, गीता बाइबिल कुरान रखती हूँ सुनाकर महफ़िल को रौशन कर दिया। ओज के मुखर स्वर प्रभात सिंह चंदेल ने पूरी दुनिया में मोहब्बत का पैगाम लिख देना सुनाकर वातावरण को रससिक्त किया सराहे गये। धर्मेश चौहान एडवोकेट ने करे जो अपने देश के खातिर सब कुछ अपना कुरबान वहीं भगवान् मेरा है।
शायर जुल्फेकार हैदर खान ने वतन की मिट्टी को सलाम करता हूँ संचालक अशोक तिवारी ने जकड़ रहे हैं सवाल मुझको निगल न जाए ए जाल मुझको विकास वर्मा ने घर में घुसकर मार रहा है देश मेरा ललकार रहा है सुनाकर वातावरण सृजित किया।
सुधाकर पांडेय स्वदेश प्रेम, दयानंद दयालू, जयराम सोनी दिवाकर दिवेदी मेघ ने हास्य व्यंग्य सुनाकर वातावरण को गतिज उर्जा दिये सराहे गये। नवगीतकार दिलीप सिंह दीपक ने नैन में सूरत तुम्हारी नींद गायब क्या करें सुनाकर श्रृंगार की प्रस्तुति से तालियां बटोरी। दिव्या राय ने बिना समझे किसी का घर जलाने तुम न चल देना सुनाकर एक सारगर्भित संदेश दिया।
वरिष्ठ शायर अब्दुल हई ने अभी तक सो रहे हो, बहुत कुछ खो रहे हो ए बस्ती नफरतों की, मोहब्बत बो रहे हो कमलनयन तिवारी ने मैं कैसे भूल जायें उस हिमाकत को सोचो मेरी गर्दन नहीं मेरी बात काटी गई है। विवेक चतुर्वेदी ने हर तरफ है फैलती खुश्बू हवा के साथ में गर किसी का फूल ही किरदार हो काफी सराही गई। अरुण तिवारी ने देश की अखंडता से करे खिलवाड़ कोई ऐसे देशद्रोही दंश का विरोध कीजिये सुनाकर देश भक्ति का संचार किया।
ईश्वर विरागी ने देश में नया विहान लायें हम। एकता के गीत गुनगुनायें हम सुनाकर वातावरण मे अमिट छाप छोडी। आयोजन देर रात तक चलता रहा संयोजन कर रहे प्रदुम्न त्रिपाठी ने स्वागत भाषण व आभार आयोजक फरीद अहमद ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर नजीर अहमद, इमरान, संदीप कुमार शुक्ल एडवोकेट ,रमेश देव पांडेय एडवोकेट राजेश दिवेदी राज, राजीव, गौतम तिवारी धीरेन्द्र पासवान, रामराज गोंड, जयशंकर त्रिपाठी, रिषभ तिवारी, अमित सिंह ,फारुख अली हाशमी, ठाकुर कुशवाहा आदि लोग मौजूद रहे।
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