नर सेवा नारायण सेवा कार्यालय में गमगीन माहौल
दिवंगत आत्माओं को दिया सच्ची श्रध्दांजलि
चोपन नगर में नर सेवा नारायण सेवा
अजीत सिंह (ब्यूरो रिपोर्ट)
चोपन के नर सेवा नारायण सेवा कार्यालय में शाम 7:30 बजे से शुरू हुई इस सभा में स्थानीय, सामाजिक और विभिन्न अनुयायियों ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई। सभा का शोक अत्यंत गमगीन था क्योंकि प्रत्येक उपस्थित व्यक्ति के चेहरे पर दुःख और संवेदना का भाव स्पष्ट रूप से दिख रहा था।

इस पर सभी ने दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान और उनके परिजनों पर आई इस विपदा को लेकर गहरा अवसर संवेदना व्यक्त की गई। श्रद्धा सभा का एक हिस्सा दो मिनट का मौन था, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका और शांति के साथ प्रदर्शन किया।
इस मौन के दौरान दिव्य आत्माओं की शांति और उनके परिजनों को इस असहनीय पीड़ा को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई। यह मौन केवल एक प्रभावकारी नहीं था बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति के हृदय से गहरी संवेदना और सम्मान का प्रतीक था। इस दुखद घटना पर कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।
Read More गांवों को रोशन करने के नाम पर करोड़ों का खेल, स्ट्रीट लाइट खरीद में भारी भ्रष्टाचार का आरोपउन्होंने इस घटना के बारे में बताया और कहा कि इस घटना को पूरे देश में स्थापित किया गया है। स्ट्रेंथ ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे दु:खद समय में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम सभी एकजुट होकर शोक संत परिवार को संबल प्रदान करें। आयोजकों ने सभी उपस्थित लोगों से अनुरोध किया कि वे अपनी उपस्थिति से दिवंगत चित्रों को साक्षात् आशीर्वाद दें और उनके परिजनों से अपनी-अपनी संवेदनाएं व्यक्त करें।
यह सॉलिड कम्यूनिटी की एकजुटता और संकट की घड़ी में एक-दूसरे के साथ महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं। श्रद्धा सभा में मृतकों के नाम और उनके जीवन के बारे में कुछ बातें भी याद आईं। जो कि राक्षस और भी भावुक हो गया था। इस व्यक्तिगत स्पर्श ने इस त्रासदी को और भी अधिक मानव निर्मित किया, जिससे मृत लोगों के जीवन के महत्व को महसूस किया जा सके। उपस्थित लोगों ने मोमबत्तियां जलाईं और पुष्प लगाए।
जलती हुई मोमबत्तियां आशा और याद का प्रतीक है, जबकि फूल सम्मान और प्रेम का प्रतीक थे, इस अवसर पर (ॐ शांति) का जाप भी किया गया था, जो शांति और मोक्ष की कामना का प्रतीक है। इस दार्शनिक ने सभा को एक गहरा अर्थ प्रदान किया, जिसमें उपस्थित लोगों के मृतकों की छवि के लिए शांति की कामना की गई।
यह श्रद्धांजलि सभा न केवल मृतकों को याद करने का एक माध्यम था, बल्कि यह शोक संत परिवार के प्रति समुदाय की एकजुटता और समर्थन का भी प्रतीक था। अयोजकों ने सभी उपस्थित लोगों से सौहार्दपूर्ण मित्रता का परिचय दिया और कहा कि इस समय में मित्रवत सहयोग और संवेदना ही सबसे बड़ा सहारा है। इस सभा में इस बात का प्रमाण दिया गया था कि त्रासदी के बावजूद, समुदाय एक साथ खड़ा हो सकता है, एक-दूसरे का समर्थन कर सकता है और अन्य लोगों को याद कर सकता है जिसमें शामिल है।

Comment List