आधुनिक भारत के धर्म, ज्ञान व न्याय की भूमि के रूप में देश-दुनिया का ध्यान आकर्षित करता है प्रयागराज
सुशासन की पहली शर्त रूल ऑफ लॉ है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून के शासन में बार-बेंच के साथ ही वादकारी का महत्व भी उतना ही है।
स्वतंत्र प्रभात।
ब्यूरो प्रयागराज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई की उपस्थिति में हाईकोर्ट परिसर में 680 करोड़ से बने अधिवक्ता चैम्बर्स व पार्किंग भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आयोजित कार्यक्रम को याद करते हुए बताया कि तब पीएम ने कहा था कि सुशासन की पहली शर्त रूल ऑफ लॉ है। माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून के शासन में बार-बेंच के साथ ही वादकारी का महत्व भी उतना ही है।
मुख्यमंत्री ने अधिवक्ताओं का दर्द बयां किया और कहा कि टूटे चैम्बर व पेड़ के नीचे बैठने के साथ ही अधिवक्ता हर विपरीत परिस्थिति में कार्य करते हुए न्याय की जद्दोजेहद करते दिखते हैं। मुख्यमंत्री ने आज यहां पर कहा है कि प्रदेश के हर जिलों में इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स जब बनेगा तो वादकारी को न्यायिक कार्य से जुड़ी सभी सुविधाएं एक छत के नीचे ही मिलेंगी। अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर्स व कार पॉर्किंग भी होगी। न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास की सुविधा भी होगी।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने कहा था कि जब तक हम सामाजिक और आर्थिक असामानताएं दूर नहीं करेंगे, तब तक इस देश में सही मायने पर जनंतत्र का निर्माण नहीं हो पायेगा। इन्हीं असमानताओं को दूर करने के लिए बाबा साहब ने एक प्रभुत्व लोकतंत्र की स्थापना के लिए मजबूत संविधान का निर्माण किया।
मुख्य न्यायमूर्ति ने कहा कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद में यह निर्माण जो हुआ है, जिसका उद्घाटन करने का मुझे सौभाग्य मिला, यह पूरे देश के सभी राज्यों के लिए रोल मॉडल है। उन्होंने इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। ’आधुनिक भारत के धर्म, ज्ञान व न्याय की भूमि के रूप में देश-दुनिया का ध्यान आकर्षित करता है प्रयागराज’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन गौरवमयी है। आज लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती है। यह वर्ष भारत के संविधान को लागू होने का अमृत महोत्सव वर्ष भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज यूपी में भारत के विरासत की भूमि है। यह भूमि प्राचीन काल से ही मां गंगा, यमुना व सरस्वती की त्रिवेणी के साथ ही आधुनिक भारत के धर्म, ज्ञान व न्याय की भूमि के रूप में देश-दुनिया का ध्यान आकर्षित करती है। प्रयागराज की भूमि महाकुम्भ की भी भूमि है। यहां के संगम में डुबकी लगाकर हर भारतीय ने अपने विरासत से खुद को जोड़कर गौरव की अनुभूति की।
’मल्टीलेवल पार्किंग तभी सफल होगी, जब उसके कुछ स्पेस का कॉमर्शियल उपयोग हो’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मल्टीलेवल पार्किंग बनती है, लेकिन कोई जाता नहीं है। बार-बार अर्बन बॉडीज से कहता हूं कि यह तभी सफल होगी, जब उसके कुछ स्पेस का कॉमर्शियल उपयोग होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि विकास प्राधिकरण ने छह वर्ष पहले गोरखपुर में मल्टीलेवल पार्किंग बनाई, वो चली नहीं। मैंने कहा कि इसके अंतिम दो फ्लोर में कॉमर्शियल स्पेस देकर इसे संचालित कीजिए। जैसे ही यह हुआ, आज पूरा कॉम्प्लेक्स फुल हो जाता है। जो लोग सड़कों पर वाहन खड़ा करते थे, वे कॉम्प्लेक्स में वाहन खड़ा करते हैं और वहां जाकर सुविधाओं का आनंद लेते हैं।
’कार्यदायी संस्थाओं से कहा- ऐसा बनाओ, जो मॉडल हो’
मुख्यमंत्री ने बेहतरीन व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि यहां मल्टीलेवल पार्किंग के साथ अधिवक्ता चौंबर्स, कैफेटेरिया, आधुनिक किचन, कॉन्फ्रेंस की भी सुविधा मिली है। इंफास्ट्रक्चर के लिए यह नया मॉडल हो सकता है। सीएम योगी ने कहा कि जब हम लोग आए थे तो यूपी के 10 जनपदों में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट नहीं थे। नक्शा कभी मुख्य न्यायाधीश तो कभी हम लोगों को पसंद नहीं आता था। फिर हमने कार्यदायी संस्थाओं से कहा ऐसा बनाओ, जो मॉडल हो। इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स बनाने के साथ उसमें पार्किंग व अधिवक्ता चौंबर्स बनाइए। जो प्रपोजल हमने दिया था, उसमें से सात जनपदों को यहां से अप्रूवल मिल चुका है, उसके लिए 1700 करोड़ जारी कर चुके हैं। तीन अन्य जनपदों के मामलों का भी न्यायालय से निस्तारण हो चुका है। उन्हें भी हम उन जनपदों में दे रहे हैं।
’न्यायिक कार्य से जुड़ी सभी सुविधाएं वादकारियों को एक छत के नीचे मिलेंगी’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स जब बनेगा तो वादकारी को न्यायिक कार्य से जुड़ी सभी सुविधाएं एक छत के नीचे ही मिलेंगी। अधिवक्ताओं के लिए चौंबर्स व कार पॉर्किंग भी होगी। न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास की सुविधा भी होगी। अच्छे कॉम्प्लेक्स के निर्माण में जो प्रयास प्रारंभ हुआ है, वह मॉडल बनेगा। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर जनपदीय न्यायालयों में अधिकाधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने और अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
’अधिवक्ता निधि को बढ़ाकर किया गया पांच लाख’
मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिवक्ता निधि की राशि को डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख, आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दिया है। कॉर्पस फंड 500 करोड़ अलग से दिया है। किसी अधिवक्ता के साथ घटना-दुर्घटना होने पर न्यासी समिति उस परिवार के लिए इस पैसे का सदुपयोग करेगी। नए अधिवक्ताओं को पहले तीन वर्ष तक जनरल, मैग्जीन व पुस्तकों के लिए सहायता उपलब्ध करा रही है।
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