शोध प्रविधि एक व्यवस्थित एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण है - डॉ रीना चटर्जी
स्वतंत्र प्रभात, मीरजापुर
चुनार, मीरजापुर
चुनार, मिर्जापुर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्राम सेनानी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार मीरजापुर में सात दिवसीय कार्यशाला के क्रम शनिवार को अंग्रेजी विभाग आईक्यूएसी एवं वाकोवाक्यम् शोध संस्थान वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में
“शोध प्रविधि की अवधारणा एवं साहित्यिक शोध” विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस सत्र की मुख्य व्यक्ता डॉ रीना चटर्जी असिस्टेंट प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय ने अपने ओजपूर्ण एवं संवादयुक्त व्याख्यान में कहा कि शोध प्रविधि एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण है जिसका उपयोग शोध करने के लिए किया जाता है।
साहित्यिक शोध में इस प्रविधि का उपयोग साहित्यिक ग्रंथों,लेखकों और ऐतिहासिक संदर्भों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। यह शोध साहित्यिक ग्रंथों के अर्थ, विषयों और साहित्यिक उपकरणों को समझने में मदद करता है ।महाविद्यालय की विदुषी प्राचार्या, प्रो माधवी शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भारतीय ज्ञान परंपरा के क्षेत्र में अधिक से अधिक मौलिक शोध के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य,डॉ राम निहोर,कार्यशाला की समन्वयक,डॉ0 कुसुम लता एवं डॉ शेफालिका राय,डॉ रजनीश,डॉ भास्कर प्रसाद द्विवेदी,डॉ राजेश कुमार, डॉ दीप नारायण,डॉ अरुणेश,डॉ नलिनी सिंह, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, कुर्बान अली, समस्त प्राध्यापक कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा उपस्थित थे | कार्यक्रम का संचालन व्याख्यान के संयोजक डॉ राजेन्द्र कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ रीता मिश्र ने किया।

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