सीनियर अधिकारी मेहरवान तो कनीय क्यो न हो पहलवान
त्रिवेणीगंज के सीओ प्रियंका सिंह पर डीएम के आदेश बावजूद नहीं हो रही है कार्रवाई
त्रिवेणीगंज ,सुपौल
त्रिवेणीगंज के अंचलाधिकारी प्रियंका सिंह के खिलाफ बिभिन राजस्व कार्यों में बरती जा रही घोर लापरवाही के आरोपों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। मामला तब संगीन और सोचनीय हो जाता हैं जब डेढ़ माह पूर्व ही डीएम के निर्देश के आलोक में एडीएम राशिद कलीम अंसारी ने त्रिवेणीगंज डीसीएलआर को आरोप पत्र गठित कर भेजने का आदेश दिया था, लेकिन डीसीएलआर ने डीएम एडीएम के आदेश को रद्दी टोकरी में फेंक दिया है। जिससे प्रशासनिक सक्रियता और सरकार के जीरो टॉलरेंस पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जानकारी के अनुसार सीओ प्रियंका सिंह पर भू-लगान वसूली,ई-मापी, दाखिल-खारिज,परिमार्जन,अतिक्रमण हटाने और वास भूमि पर्चा वितरण जैसे अहम कार्यों में उदासीनता बरतने के आरोप हैं। इन मामलों को लेकर लंबे समय से शिकायतें प्राप्त हो रही थीं, जिनके चलते 12 मार्च 2025 को जिला समाहर्ता ने डीसीएलआर को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि दो दिनों के भीतर चार प्रतियों में आरोप पत्र तैयार कर समाहर्ता कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
लेकिन अभी तक उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। जिलास्तरीय बैठकों और मौखिक निर्देशों के बाद भी आरोप पत्र तैयार न होना यह दर्शाता है कि जवाबदेही की भावना कहीं खो गई है। इससे प्रशासनिक प्रणाली की निष्क्रियता उजागर हो रही है,जिससे आमजन को हो रही परेशानी और बढ़ती जा रही है।
बिबाद और सीओ का है चोली दामन का रिश्ता

त्रिवेणीगंज सीओ प्रियंका सिंह और बिबाद का चोली दामन का रिश्ता है।अपने भ्र्ष्टाचार युक्त कार्यशैली के लिए जिले भर में कुख्यात सीओ मेडम खुद को कानून से ऊपर समझती है।बिना दक्षिणा के अगर आपका काम अंचल में हो जाये तो समझिए आप ने चारधाम यात्रा का फल पा लिया हो।एक तरफ बिना चढ़ावा के कोई काम असम्भव हैं वही चढ़ावा के बाद कोई भी काम असम्भव नहीं है। उचित कीमत अदाकर आप सरकारी जमीन भी मजे से अपने नाम करवा सकते है। सरकारी जमीन के दाखिल खरिज से भी इन्हें कोई गुरेज नहीं है। इतना ही नहीं अगर चढावा मोटा हो तो तो 96 डिसमल जमीन को 300 डिसमल बनाकर दाखिल खारिज कर देना भी बाएं हाथ का खेल है। हलाकि ये मात्र त्रिवेणीगंज में ही दबंग नही है बल्कि पूर्व में ही गोपालगंज के अंचल में पदस्थापित रहने के दौरान भी भ्रष्टाचार में लिप्त रहने को लेकर चर्चित हई थी।
हाल ही में इनके भ्र्ष्टाचार से परेशान होकर छात्र राजद ने विशाल धरना प्रदर्शन भी किया था । बाबजूद कोई कार्यवाही तो दूर जिलाधिकारी ,अनुमंडल पदाधिकारी ,डीसीएलआर जाँच तक करना मुनासिब नहीं समझते हैं। लोग इन्हें लेडी डॉन कहते हैं। क्योंकि किसी को भी धक्के मारकर निकाल देना ही आम बात है। लोगो का कहना है कि वैसे उगाही के लिए सीओ मैडम का अपना संगठित गिरोह है ।जिसमे राजस्व कर्मचारियों, निजी दलाल , कर्मचारी के निजी मुंशी ,सफेदपोश शामिल है।
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जरा इनकी सुनेजब मामले को लेकर डीसीएलआर संस्कार रंजन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है अभी तो हमलोग अपने ही कोर्ट में उलझे हुए हैं।
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