रेणुकूट टीम सदस्य के लिए मसीहा बना कार्यकर्ता, 62वीं बार रक्तदान कर बचाई जान
साथी के लिए मसीहा बनी टीम, 8 यूनिट रक्तदान कर बचाई अनमोल जान
रेनूकूट क्षेत्र का मामला
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
अरविन्द की अत्यंत नाजुक अवस्था, विशेषकर उनका तेज़ी से खतरनाक स्तर तक गिरता रक्तचाप (महज 6 पॉइंट्स) जानकर टीम के एक सदस्य का हृदय करुणा से भर उठा। बिना किसी विलंब के, वे वाराणसी के लिए रवाना हो गए। ट्रामा सेंटर पहुंचकर, उन्होंने तत्काल ज़रूरतमंद अरविन्द चौहान को 4 यूनिट बहुमूल्य रक्त दान किया। उनकी इस त्वरित और निस्वार्थ पहल ने अरविन्द के लिए जीवन की एक नई किरण जगाई।
इस नेक कार्य में इस संवेदनशील कार्यकर्ता को उनकी टीम के अन्य सदस्यों - मंटू सिंह पटेल, प्रशांत सिंह किसन, प्रदुमन गुप्ता और विजय प्रताप सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह का भी अमूल्य सहयोग मिला। इन सभी निस्वार्थ साथियों ने मिलकर अरविन्द के लिए कुल 8 यूनिट रक्त दान किया। उनकी इस सामूहिक और त्वरित प्रतिक्रिया ने अरविन्द को निश्चित रूप से एक नया जीवन प्रदान किया है।
इस असाधारण मानवीय कार्य के साथ ही, इस समर्पित कार्यकर्ता ने अपने जीवन में 62वीं बार रक्तदान करने का एक अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया। यह उनकी नियमित और स्वैच्छिक रक्तदान की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो यह प्रमाणित करता है कि वे और उनकी पूरी टीम दूसरों के जीवन को बचाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। इस अवसर पर उनके मुख से निकले "जय हिन्द" के ओजपूर्ण नारे ने उनकी गहरी मानवीय संवेदना के साथ-साथ उनकी अटूट देशभक्ति की भावना को भी सशक्त रूप से व्यक्त किया।
Read More गांवों को रोशन करने के नाम पर करोड़ों का खेल, स्ट्रीट लाइट खरीद में भारी भ्रष्टाचार का आरोपयह मार्मिक घटना न केवल टीम के सदस्यों के बीच अटूट एकता, गहरा स्नेह और अद्वितीय समर्पण की भावना को उजागर करती है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणास्रोत भी है। यह स्पष्ट रूप से स्थापित करती है कि कठिन समय में एक-दूसरे का साथ देना और निस्वार्थ भाव से सहायता करना ही सच्ची मानवता है, और ऐसे ही कर्म समाज को अटूट बंधन में बांधकर रखते हैं।

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