अनूपलाल यादव महाविद्यालय में "जलवायु परिवर्तन: प्रभाव, कारण और नियंत्रण" विषयक कार्यशाला आयोजित
एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
जितेन्द्र कुमार "राजेश" त्रिवेणीगंज (सुपौल):
अनूपलाल यादव महाविद्यालय, त्रिवेणीगंज में सोमवार को आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के तत्वावधान एवं प्राचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव के संरक्षण में "जलवायु परिवर्तन: प्रभाव, कारण और इसका नियंत्रण" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवं IQAC समन्वयक प्रो. अशोक कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। उन्होंने ही कार्यक्रम का सफल संचालन भी किया।
प्रमुख वक्ताओं ने बताया कि जलवायु परिवर्तन न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को असंतुलित कर रहा है, बल्कि मानव जीवन पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ता प्रदूषण, और जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक उपयोग इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत का क्षरण, समुद्री जलस्तर में वृद्धि, और मौसम के असामान्य पैटर्न जैसे बाढ़, सूखा, चक्रवात आदि समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
कार्यशाला में यह संदेश दिया गया कि यदि अभी भी सतर्कता नहीं बरती गई तो आने वाले समय में कई जीव-जंतुओं और पौधों की प्रजातियाँ विलुप्त हो सकती हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए वृक्षारोपण को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देना और जनजागरूकता फैलाना अनिवार्य है।

कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण – प्रो. सुरेंद्र प्रसाद यादव, प्रो. देवनारायण यादव, प्रो. कमल किशोर यादव, प्रो. चंद्र किशोर यादव, प्रो. अरुण कुमार, प्रो. अरविंद कुमार, प्रो. विद्यानंद यादव, प्रो. शंभू यादव सहित अन्य शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, छात्र-छात्राएं जैसे निशांत कुमार, रोशन कुमार, रणजीत सिंह, शिव कुमार, अजीत कुमार, मुस्कान कुमारी, अमीषा कुमारी, दिव्या कुमारी, प्रियांशु कुमारी, प्रियंका कुमारी, रंजूषा सुमन, लवली कुमारी, बालकिशोर कुमार, हीरेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन पर्यावरण संरक्षण की शपथ के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने जलवायु संतुलन हेतु व्यक्तिगत एवं सामूहिक प्रयास करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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