हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा समेत दो नक्सलियों को उम्रकैद
* 20-20 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- पांच प्रांतों यूपी,एमपी, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में 10 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा का आतंक था
अजित सिंह (ब्यूरो)
15 साल पहले हुई रामवृक्ष की हत्या के मामले में बृहस्पति को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार डॉक्टर की अदालत ने दोषी करार दिया, कठोर कोर के पद पर नियुक्त किया गया और 20-20 हजार की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न दें पर 4-4 माह की अतिरिक्त चित्रित चारण होगी। जेल में लंबी अवधि की सजा शामिल होगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार अजय कुमार पासवान पुत्र सरजू पुरोहित निवासी ब्रह्ममोरी, थाना कोन, जिला सोनभद्र ने 3 दिसंबर 2009 को कोन साओन को सलाह दी कि वह पिशाच का बेटा है। 1/2 दिसंबर 2009 की रात करीब 3 बजे जंगल में दो गुटों के बीच लेबी अवशेष और रुपये के बटवारे लेकर को हथियारबंद किया गया है, जिसमें एक अभिभावक के मारे जाने की सूचना है। कुछ पात्र अभी भी जंगल में मौजूद अज्ञात जा रहे हैं। जो डर वहां से नहीं गया. सूचना दे रहा हूँ आवश्यक कार्यवाही करें। इस संस्था पर पुलिस ने अज्ञात में हत्या के आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना स्थल से रामवृक्ष का शव बरामद कर पुलिस ने व्यवसाय में लेकर शव के लिए भेज दिया। इंवेस्टमेंट के दौरान हार्डकोर निकोलस बब्बल पुत्र इंजीनियर कोल रेजिडेंट सनैत, थाना नौगढ़, जिला चंदौली का नाम प्रकाश में आया। मामले की जांच करते हुए विवेचक ने अदालत में वैज्ञानिक साक्ष्य बैठक में अंतिम फैसला सुनाया।
बता दें कि सोनभद्र के समर्थक एसपी सुबाश चंद्रा ने साल 2012 में बंगले के दौरान इन ऑर्केस्ट्रा को पैकेजिंग में सफलता हासिल की थी। उसके बाद से ही संप्रदायवाद का पुत्र भद्र, समुदाय व चंदौली जिले का अंत हो गया था। यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में हार्डकोर बिल्डर्स बिल्डरों को 10 लाख का मुआवजा दिया गया। सिर्फ यूपी में तीन लाख का समर्थन था। वहीं अजित कोल के ऊपर 50 हजार का मुआवज़ा था। उसी समय से दोनों डॉक्यूमेंट्री जेल में हैं।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों अध्ययन के नतीजों के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली के निष्कर्षों पर दोष सिद्ध करने के लिए निष्कर्ष निकाला, हार्डकोर राष्ट्रमंडल और एसोसिएट कोल को एलायंस प्लेसमेंट वी 20- 20 हजार पिज्जा अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न दें पर 4-4 माह की अतिरिक्त चित्रित चारण होगी। जेल में लंबी अवधि की सजा शामिल होगी। प्रोसिक्यूशन पक्ष की ओर से अपर जिला चार्टर्ड विनोद कुमार पाठक ने बहस की।

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