दुबौलिया पुलिस की बर्बरता से आदर्श की हुई मौत, दोषी दरोगा जितेन्द्र सिंह को बचाने का प्रयास कर रहे जिम्मेदार
- दुबौलिया थाने का सी०सी०टी०वी० फुटेज हो सार्वजनिक तो खुल जायेगी आरोपियों की कलई
On
- फिरौती न मिलने से दुबौलिया पुलिस ने आदर्श को बुरी तरह पीटा , हुई मौतमौत की कीमत सिपाहियों की लाइन हाजिरी नहीं हत्या का दर्ज हो केस
- परिजन का मांग- दरोगा जितेन्द्र सिंह के जनपद में लम्बे कार्यकाल को लेकर पहले से ही पुलिस विभाग की हो रही किरकिरी
बस्ती। बस्ती जिले दुबौलिया पुलिस द्वारा आदर्श के साथ की गयी बर्बरता व उसकी मौत प्रकरण दुबौलिया पुलिस का असली चेहरा उजागर करने के लिए काफी है । आखिर मृतक आदर्श का इतना तो दोष नहीं था जिसके बदले दुबौलिया थानेदार जितेन्द्र सिंह व उनके गुर्गे सिपाहियों ने आदर्श को इस तरह बेरहमी से पीटा की अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गयी । जनपद में अपने अधिक कार्यकाल को लेकर दरोगा जितेन्द्र सिंह पहले ही विभाग की किरकिरी करा चुके हैं यदि जिम्मेदार प्रकरण में उचित कार्यवाही किए होते तो शायद आदर्श की जान बच सकती ।
प्राप्त समाचार के अनुसार तम्बाकू मांगने के मामूली से विवाद में दुबौलिया पुलिस की हैवानियत से आदर्श की जान चली गयी । दुबौलिया थाने के लिए यह कोई पहला मामला नही है जिसमें पुलिस पिटाई से किसी की जान चली गई हो , इसके पूर्व दुबौलिया पुलिस की पिटाई से एक अधेड़ की भी जान जा चुकी है । आजाद भारत में पुलिस को पिटाई व बर्बरता का अधिकार आखिर संविधान की किस व्यवस्था से मिला है , क्या मानवाधिकार के नियम थाने में लागू नहीं होते या पुलिस अपने मनमानी से बाज नहीं आ रही जैसे प्रश्न क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं ।
वैसे पुलिस विभाग के रहनुमाओं ने मामले में दो सिपाहियों को लाइन हाजिर कर , थाने के दोषी दरोगा जितेन्द्र सिंह को बचाने में पूरी जी जान लगा दिए हैं अब प्रश्न यह उठ रहा है कि क्या किसी व्यक्ति के जान की कीमत मात्र सिपाहियों की लाइन हाजिरी तक ही सीमित है , आखिर आदर्श मौत प्रकरण में थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह सहित दोषी सिपाहियों पर हत्या का केस दर्ज करने में हीला हवाली क्यों की जा रही है । मामले में दुबौलिया पुलिस की घृणित कार्यवाही को लेकर क्षेत्र में लोंगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है जो कभी भी उग्र रूप ले सकता है ।
क्षेत्र के संभ्रान्त व जानकारों की माने तो चर्चा यहाँ तक लोग कह रहे है कि थानों का परिसर सी०सी०टी०वी० से लैस है , दुबौलिया थाने के सी०सी०टी०वी० फुटेज यदि समय रहते खंगाल लिए जाएं तो दुबौलिया पुलिस की इस घृणित कृत्य का फर्दाफाश तत्काल त्वरित रूप से हो जायेगा और पुलिस पब्लिक के रिश्ते के विश्वास की डोर भी कायम रहेगी तथा पीड़ित परिवार को न्याय मिलने में भी सुलभता होगी ।
About The Author
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
Related Posts
राष्ट्रीय हिंदी दैनिक स्वतंत्र प्रभात ऑनलाइन अख़बार
17 Dec 2025
17 Dec 2025
17 Dec 2025
Post Comment
आपका शहर
17 Dec 2025 20:51:30
Bank Holiday: कल यानी 18 दिसंबर 2025 को मेघालय में बैंक बंद रहने वाले हैं। खासी भाषा के महान कवि...
अंतर्राष्ट्रीय
17 Dec 2025 17:40:11
International Desk यरूशलम। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इज़राइल की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू...

Comment List