बैठक में विवादित अध्यक्ष को बुलाए जाने पर हाई कोर्ट ने (एस. ई .सी .एल) प्रबंधन को लगाई फटकार
कोयला मजदूर समिति इंटक में घमासान
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शहडोल बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा 5 मार्च को एक नया आदेश जारी किया गया है जिसमें एस ई सी एल प्रबंधन के विरुद्ध नोटिस जारी करते हुए इस बात पर नाराजगी व्यक्त की गई है कि उन्होंने गोपाल नारायण सिंह को अध्यक्ष मानकर किस आधार पर आईआर सिस्टम में भाग लेने हेतु अनुमति प्रदान किया माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष संपत शुक्ला की प्रस्तुत याचिका में प्रस्तुत आवेदन पत्र को स्वीकार करते हुए एसईसीएल द्वारा गोपाल नारायण सिंह के पक्ष में आईआर सिस्टम में भाग लेने हेतु जारी किए गए आदेश को माननीय माननीय उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी किया है दिनांक 5 मार्च को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश को गोपाल नारायण सिंह की हार तथा संपत शुक्ला की जीत के रूप में देखा जा रहा है अब देखना यह है कि प्रबंधन माननीय उच्च न्यायालय के उक्त आदेश के परिपालन किस प्रकार करती है।
क्या था मामला ।
उक्त जानकारी राम संजीवन शर्मा ने बताया कि, पिछले दिनों साऊथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कोंग्रेस की बैठक में संगठन विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाकर संपत शुक्ला समेत पदाधिकारियों का निष्कासन हुआ था कोरबा में हुई एक बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह द्वारा संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल पदाधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई का समर्थन किया गया था।
बैठक में एस ई सी एल के 13 क्षेत्रों के जनरल कौंसिल के सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित थे संगठन में मौजूद असंतोष के मुद्दे पर चर्चा की गयी थी बैठक में मौजूद पूर्व उपाध्यक्ष सम्पत शुक्ला और कई पदाधिकारी संगठन से बाहर कर दिए गए थे इंटक के अंदर खाने और समर्थक, सदस्य के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू था एक ने तत्कालीन अध्यक्ष को भ्रष्ट बताया था दूसरी ओर इस कथन के विरोध में दूसरे ने संगठन विरधी होने का प्रत्यारोप मढ़ दिया था आरोपों प्रत्यारोपो में छिपे तथाकथित खुलासों से इंटक यूनियन की छवि खराब हुई है।
गोपाल नारायण और उसके समर्थित नेता सदस्यों द्वारा अनुशासानात्मक कार्यवाही में निष्कासित इंटक के पूर्व अध्यक्ष सम्पत शुक्ल का कहना था की यूनियन के नाम पर जमा धनराशि में भारी गड़बड़ी हुई थी जिसकी पूछताछ करने पर ही इस के बाद निष्कासन का दुश्चक्र रचा गया जो की कानून सम्मत नहीं था। हमारे ऊपर किसी भी प्रकार के आरोप के प्रमाण नहीं थे बावजूद हमें निष्काषित किया ज की 2023 और 2024 के दौरान यूनियन के खाते में से लगभग लाखो के भुगतान किये गए
किसके आरोपों में कितना दम था ये अब माननीय उच्चन्यायालय छत्तीसगढ़ की टिप्पणी से स्पष्ट हो गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एस ई सी एल प्रबंधन द्वारा आई आर की मीटिंग में गोपाल नारायण को बुलाये जाने पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि महप्रबन्धक ने किस अधिकार के तहत गोपाल नारायण सिंह को साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस माय इंस्ट के अध्यक्ष के रूप में (इंडस्ट्रियलरिलेशन) औद्यौगिक संबंध की महत्वपूर्ण बठैक में आमंत्रित किया जबकि कथित अध्यक्ष को 10 अक्टूबर में जारी एक पत्र के द्वारा अध्यक्ष पद से बर्खास्त बताया गया था। माननीय उच्च न्यायालय ने आगे टिप्पणी करते हुए कहा कि अगली सुनवाई पूरी होने तक एसईसीएल प्रबंधन कथित विवादित मामले में अध्यक्ष जो की संदेहास्पद थे।
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