हुआ तय फूड प्वाइजनिंग की घटना हुई तो किस पर होगी कार्यवाही
-फूड प्वाइजनिंग की घटनाओं से होती रही है जिला प्रशासन की किरकिरी
मथुरा। फागुन का महीना लग गया है। इसी के साथ लगातार तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी। आगामी दिनों मंे कई महत्वपूर्ण पर्व और त्योहार मनाए जाने हैं। ऐसे में फूड प्वाइजनिंग की घटनाएं बढ जाती हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग सतर्क हो गया है। जनपद में मिलावटी, दूषित खाद्य पदार्थ के सेवन से फूड प्वाइजनिंग की कोई घटना घटित होती है तो सम्बन्धित निर्माता, खाद्य कारोबारकर्ता का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उसके विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
अभियान के दौरान मिलावट में संदेह के आधार पर नमूनों का संग्रहण, कालातीत तिथि (एक्सपायरी) एवं सडे़ गले खाद्य, पेय पदार्थों का विनष्टीकरण कराया गया। इस अभियान में अब तक खाद्य, पेय पदार्थों जैसे मिठाई, पेड़ा, मिल्ककेक, बूंदी लड्डू, रिफायण्ड सोयाबीन तेल, सरसों का तेल, पनीर, दूध, सोयाबीन दाल एवं बेसन आदि के नमूने संग्रहित किये गये। साथ ही खाद्य कारोबारकर्ताओं को अपने प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थ की रेट लिस्ट लगाने, खाद्य पदार्थों को ढककर रखने व आस पास स्वच्छता बनाये रखने के लिए प्रतिष्ठानों पर ढक्क्नयुक्त डस्टबिन करने के लिए निर्देशित किया गया।
जनपद मथुरा कुट्टू प्रोन क्षेत्र है यहां पर पूर्व में खुले कुट्टू के आटे के सेवन से फूड प्वाइजनिंग की कई घटनायें हो चुकी हैं। जिसके कारण खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा पूर्व में ही खुले कुट्टू के आटे के विक्रय भंडारण पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। खाद्य कारोबार कर्ताओं को निर्देशित किया जाता है कि पैक्ड कुट्टू का आटा व अन्य व्रत के खाद्य पदार्थों जिन पर निर्माण तिथि एवं उपयोग तिथि अंकित हो, का ही विक्रय करें।

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