जिला अस्पताल से मरीजों को रेफर करने कम आएगी ’नौबत’

-17 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है क्रिटिकल केयर सेंटर

  जिला अस्पताल से मरीजों को रेफर करने कम आएगी ’नौबत’

मथुरा। जिला चिकित्सालय से मरीजों को रेफर करनी अब कम ही नौबत आएगी। सीएमएस डा. मुकुंद बंसल ने बताया कि क्रिटिकल स्टेज में मरीज का जीवन बचाने के लिए यह समय गोल्डन आवर होते हैं, इस दौरान नजदीक और जल्द अच्छी उपचार व्यवस्था मिलने पर मरीज की जान बच सकती है। जिला चिकित्सालय में परिसर में 17 करोड़ की लागत से इन्फ्रास्ट्रेक्चर मिशन योजना के अंतर्गत 50 बेड के क्रिटिकल केयर सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। काम बहुत तेजी से चल रहा है और अगले वर्ष में सेंटर जिला अस्पताल को मिलने की पूरी उम्मीद है।

आग से झुलसे और जले मरीजों के लिए अभी जिला अस्पताल में अलग से वार्ड है लेकिन सुविधाएं बेहद सीमित हैं, हार्ट अटैक और एक्सीडेंट के मरीजों को भी जल्द और अच्छा इलाज संभव होगा। जिला अस्पताल से मरीजों को हालत गंभीर बता कर रेफर करने की परंपरा सी बन गई है। रेफर किये जाने के बाद मरीज और तीमारदारों के सामने परेशानी खडी हो जाती है। ऐसे मामलों जब मरीज की हालत गंभीर है और उसे तत्काल क्रिटिकल केयर की आवश्यकता है।

इस स्थिति में जिला चिकित्सालय से रेफर की पर्ची मरीज के तीमारदारों को थमा दी जाती है। जिला चिकित्सालय से अधिकांश मामलों में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के लिए मरीज को रेफर किया जाता है। इसके अलावा कुछ लोग मिन्नत कर जयपुर के एसएमएस के लिए भी रेफर करा ले जाते हैं। इस स्थिति में कई मरीजों की समय से सही इलाज नहीं मिलने के चलते मौत भी हो जाती है। सीएमएस का यह भी कहना है कि जिला चिकित्सालय में 24 घंटे चिकित्सकों की उपलब्धता भी बढ़ेगी और जिला अस्पताल के पास मानव संसाधन भी अधिक होंगे। जिससे मरीजों को बेहतर और बेहत स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सकेंगी। क्रिटिकल केयर सेंटर की लम्बे समय से मांग चल रही थी जो अब पूरी होने जा रही है। बर्न, एक्सीडेंटल और हार्ट अटैक के मरीजों के उपचार में सहूलियत होगी।

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