जिम्मेदारों पर नहीं रहा भरोसा, ग्रामीणों ने खुद संभाला जिम्मा
सैकड़ों बच्चे शमशान, कीचड़ के बीच से 500 मीटर का रास्ता तय कर पहुंच रहे स्कूल
शिकायतों पर नहीं हुआ अमल तो ग्रामीणों ने प्रधान के साथ खुद रास्ते को ठीक करने का जिम्मा उठाया
मथुरा।
शिकायतों की लगातार अनुसनी के बाद कराहरी के ग्रामीणों को अब जिम्मेदारों पर भरोसा नहीं रहा है। समस्या के समाधान का ग्रामीणों ने खुद जिम्मा उठाया है। ग्राम प्रधान के साथ मिलकर गांव के स्कूल को जाने वाले रास्ते को ठीक करने के लिए ग्रामीण अपने स्तर से जुटे हैं। गांव के पं.दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मांडल इण्टर कालेज में शिक्षा अध्ययन करने के लिए छात्र छात्राए कीचड़ युक्त पानी और रास्ते में पडने वाले शमशान से होकर गुजरते हैं।
जब भी बरसात होती है 500 मीटर का यह फासला लम्बा हो जाता है। ग्राम प्रधान के माध्यम से ग्रामीण लगातार इसकी शिकायत जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से करते रहे। बात आश्वासनों से आगे नहीं बढी। ग्राम पंचायत प्रधान ने छात्र छात्राओं की परेशानी देखते हुए बुधबार को सुबह से ही टैक्टर ट्रालियां लगाकर ईट भट्टों से टूटी हुई ईटों को भरवाकर रास्ता बनाना शुरू कर दिया।
प्रधान प्रतिनिधि ग्राम पंचायत कराहरी कृष्णगोपाल सिंह का कहना है कि कस्बा कराहरी के कालेज जाने को स्थाई रास्ता नहीं है छात्र छात्राओं को शमशान बाले रास्ते में होकर खेतों मे होकर जाना पड़ता है। बारिश के दिनों मे खेतों मे पानी भर जाता है। जिससे परेशानी बढ़ जाती है। इस समस्या की जानकारी मिलते ही ग्राम पंचायत द्वारा खेतों के रास्ते पर ईंट रोड़ा मिट्टी भराव चालू कर दिया है फिर भी कालेज पहुचनें को शमशान से अलग रास्ता बनना जरूरी है। यह काम शासन प्रशासन को शीघ्र करवा देना चाहिये।
फिलहाल हम अपने स्तर से हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सन् 2013 में जब पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माडल इंटर कालेज का निर्माण कराया गया जबसे अब तक शासन प्रशासन कालेज पहुचनें को रास्ते के लिए समुचित स्थाई व्यवस्था नही कर पाया कालेज आने जाने को शमशान के बीचो बीच होकर खेतो में होकर गुजरना पड़ता है बारिश के दिनों मे खेतों में पानी भर जाता है छात्र-छात्राओं तथा अध्यापिकाओं को पानी में होकर निकलना पड़ रहा है। तमाम शिकायत के बाद भी अभी तक शासन-प्रशासन रास्ता नहीं बनवा सका है।
पिछले दिनों तत्कालीन एसडीएम और जिला विद्यालय निरीक्षक समेत अधिकारी इस समस्या को लेकर कई बार निरीक्षण कर चुके हैं। इस समस्या को लेकर छात्र-छात्राएं तहसील दिवस तक गुहार लगा चुकी हैं। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पानी और दलदल में होकर निकलने में छात्र छात्राओं के कपड़े गन्दे हो जाते हैं।
तमाम शिकायत के बाद भी अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। जिससे लोगों में अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। बुधवार को ग्राम पंचायत द्वारा पानी भराव के ऊपर टूटी ईट, रोड़ा, मिट्टी डलवाने का काम शुरू होता देख ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत की सराहना की है।
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