सरकारी सम्पत्ति चोरी करो पकड़े जाने पर कर दो वापस,सरकारी विभाग चोरों के खिलाफ नहीं जायेगा थाने में
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अम्बेडकर नगर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार जहां पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक से एक कानून बनाती है जिससे भ्रष्टाचार पर लग सके परन्तु सरकार के ही अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिध सम्भव नहीं होने देंगे और अगर मौका मिल जाय तो सरकारी सम्पत्ति को बेचकर अपना जेब गर्म करने में पीछे नहीं हटेंगे।
ताज़ा मामला विकास खंड रामनगर के ग्राम सभा कठोखर का है यहां पर 2 सितंबर 2024को ग्राम प्रधान अब्दुल सलाम, मोहम्मद अफजल ग्राम पंचायत कटोखर एवं जियाउल्लाह निवासी ग्राम भूलेपुर , सभी ने मिलकर प्राथमिक विद्यालय कटोखर पर स्थित लगभग 50 वर्ष पुराने पेड़ को काटनें के उपरांत ग्राम प्रधान टाली द्वारा अपने आरामशीन पर ले जाकर गिराने लगे, इतने में ग्राम सभा निवासी कुमार शानू पहुंच जाते हैं और वीडियो बनाने लगते हैं, वीडियो बनातें देख ग्राम प्रधान और उनके सहयोगी आकर मोबाइल छीन कर वीडियो डिलीट कर देते और कुमार शानू को जातिसूचक गालियां देते हुए लात घूसों से पिटाई करने लगते हैं।
परन्तु कुछ लोगों के और पहुंच आने पर मामला शांत हुआ और कुमार शानू को लात घूसों से मारने वाले भाग चलते हैं जिसकी सूचना पीड़ित द्वारा थानाध्यक्ष हसवर को दी गई परन्तु उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की जिससे वेवस होकर पूरी जानकारी लिखित तौर पर पुलिस अधीक्षक को दे दी गई है। अब देखने वाली बात होगी मामला पुलिस अधीक्षक तक पहुंचने के बाद नियमानुसार मारपीट का मुकदमा दर्ज होगा कि नहीं क्योंकि पीड़ित कर्ता अनुसूचित जाति का है।
पीड़ित और गांव के अन्य व्यक्ति के अनुसार हरे आम के पेड़ की कटाई प्रधानाध्यापक के संरक्षण में हुआ क्योंकि जब गांव के कुछ लोग इसकी जानकारी लेनी चाहिए तो उन्होंने यह बात कही।जब इस पर प्रधानाध्यापक से फोन पर वार्ता हुई तो उन्होंने बताया गांव के कुछ लोग पेड़ काटकर चोरी से उठा ले गए परन्तु मामला प्रकाश में आने पर लकड़ी वापस कर दिए। अब उसका मूल्यांकन कर नीलामी की जायेगी परन्तु फोन वार्ता पर उन्होंने चोरो के खिलाफ चोरी का मुकदमा या कुछ भी कानूनी कार्रवाई के नाम पर गोल माल जबाब देते रहे उनका कहना था कि वन विभाग ने जुर्माना लगा दिया है।
परन्तु सवाल यह उठता है वन विभाग ने पेड़ पर जुर्माना लगाया है लेकिन जब पेड़ काटकर चोरी से उठा ले गए क्या चोरों के खिलाफ नियमानुसार चोरी की धारा में कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। अगर प्रधानाध्यापक के नियम को देखा जाए कोई भी व्यक्ति सरकारी सम्पत्ति को अपने घर चुरा कर ले जा सकता है और पकड़े जाने पर उसे वापस कर दें सरकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं करेगा। परन्तु अक्सर देखा जाता है कोई चीज चोरी होने पर अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी चोरी के घटनाक्रम की जानकारी थाने में देते हुए मुकदमा पंजीकृत कर वाते है तो अन्य विभाग और शिक्षा विभाग के नियम में ऐसा अंतर क्यों यह तो समय बतायेगा।
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