बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा शिक्षक का किया जा रहा बचाव

रोजगार सेवक के पद पर रहते हुए बीएड की डिग्री की हासिल

बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा शिक्षक का किया जा रहा बचाव

अंबेडकरनगर। रोजगार सेवक के पद पर रहते हुए बीएड की डिग्री हासिल करने वाले  आरोपी शिक्षक को लगातार खंड शिक्षा अधिकारी भीटी श्याम प्रताप सिंह व बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा बचाव किया जा रहा है मुख्यमंत्री पोर्टल पर उच्च अधिकारियों को गुमराह कर गलत रिपोर्ट लगाई जा रही है। जबकि सारा मामला जन सूचना के तहत उजागर हो चुका है फिर भी आरोपी शिक्षक को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। पीडिता की शिकायत पर स्पेशल क्लोज भी लगा दिया गया है। आपको बता दे खंड शिक्षा अधिकारी भीटी के कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय बौरे में सहायक अध्यापक के पद पर राजेश कुमार वर्मा तैनात है। 
 
पीड़िता सिकंदरा देवी के मुताबिक राजेश कुमार वर्मा द्वारा असंवैधानिक तरीके से ग्राम रोजगार सेवक के पद पर फरवरी 2011 तक कार्यरत रहते हुए एवं फरवरी 2011 तक वेतन लेते हुए शिक्षा सत्र 2010- 11 में सरदार पटेल स्मारक महाविद्यालय लारपुर अंबेडकर नगर से संस्थागत छात्र के रूप में   बीएड की परीक्षा वर्ष 2011 में उत्तीर्ण किया गया है। सच के तौर पर पीड़िता के पास महाविद्यालय द्वारा दिया गया उपस्थिति प्रमाण पत्र की छाया प्रति अध्यापक का लिखित पत्र एवं ग्राम पंचायत सचिव सिझौलिया द्वारा जन सूचना के आधार पर दिया गया रोजगार सेवक पद पर फरवरी 2011 तक कार्यरत रहते हुए फरवरी 2011 तक वेतन लेने के साक्ष्य मौजूद हैं। 
 
साथ ही महाविद्यालय द्वारा दिया गया उपस्थिति प्रमाण पत्र एवं आरोपी सहायक अध्यापक द्वारा लिखित पत्र में वर्ष 2010-11 में संस्थागत छात्र के रूप में  बीएड की परीक्षा वर्ष 2011 मे उत्तीर्ण होने के अभिलेख हैं।आरोपी सहायक अध्यापक द्वारा दिए गए लिखित पत्र असत्य है कि इन्होंने अपने रोजगार सेवक के पद से  चयनोंपरांत त्यागपत्र दिया था क्योंकि ग्राम पंचायत सचिव द्वारा दिए गए जन सूचना में साफ तौर पर लिखा गया है कि फरवरी 2011 तक रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत रहने एवं फरवरी 2011 तक वेतन लेने का उल्लेख है।
 
तथा बिना अनुमति व अवकाश के बीएड की परीक्षा उत्तीर्ण किया गया है यह भी उल्लेख है। इसके बावजूद भी लगातार आरोपी शिक्षक को बचाया जा रहा है जबकि उसके पास कार्रवाई से बचने के लिए कोई ऐसा प्रमाण नहीं है न ही कोई ऐसा शासनादेश न ही कोर्ट का कोई आदेश है की रोजगार सेवक के पद पर रहते हुए बिना अनुमति व अवकाश के बीएड परीक्षा उत्तीर्ण करना संवैधानिक करार दिया गया हो। जबकी पीड़िता के द्वारा जन सूचना से प्राप्त सारी सूचनाओं को शिकायती पत्र के साथ संलग्न किया जा चुका है जो कार्यवाही के लिए पर्याप्त है तो फिर आरोपी अध्यापक से सफाई लेने की क्या जरूरत है।
जब खंड शिक्षा अधिकारी भीटी श्याम प्रताप सिंह से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि बीएससी के द्वारा तीन सदस्य टीम गठित की गई है मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होने के कारण सोमवार से जाँच की जायेगी।
 

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