कांग्रेस का सेबी अध्यक्ष पर बड़ा सवाल । एक साथ तीन जगहों से तनख्वाह ले रही थीं माधबी पुरी बुच।
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ब्यूरो स्वतंत्र प्रभात।
अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाने वाली निवेश रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग के सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर लगाए गए आरोपों के बाद एक नया खुलासा हुआ है ।
अब कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सेबी की चेयर पर्सन माधबी पुरी बुच पर नए आरोप लगाए है और कहा है कि 'एक साथ तीन जगह से सैलरी ले रही थीं माधबी पुरी बुच, आईसीआईसीआई बैंक दे जवाब। पवन खेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए आरोपों के साथ ही कई सवाल भी किए हैं। उन्होंने पूछा कि सेबी की चेयरमैन रहते हुए भी माधबी पुरी बुच आईसीआईसीआई बैंक से कैसे और क्यों तनख्वाह ले रही थीं? पवन खेड़ा ने दावा किया कि माधवी ने 2017 से 2024 तक 16.80 करोड़ रुपये लिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि माधबी पुरी बुच एक साथ तीन जगहों से वेतन ले रही थीं। इसमें आईसीआईसीआई बैंक, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल और सेबी शामिल है।
पवन खेड़ा ने कहा कि देश में इस समय शतरंज का खेल जारी है। इस खेल का असली खिलाड़ी कौन है, इस पर अभी हम कोई अंतिम निर्णय नहीं ले पाए हैं, इसके मोहरे अलग-अलग हैं। ऐसे ही एक मोहरा माधबी पुरी बुच हैं।
पवन खेडा ने खुलासा किया कि • माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक सेबी में पूर्णकालिक सदस्य थीं।• फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच सेबी की चेयरपर्सन बनीं।• सेबी की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में पीएम मोदी और अमित शाह शामिल हैं।
माधबी पुरी बुच सेबी की पूर्णकालिक सदस्य होते हुए रेगुलर इनकम आईसीआईसीआई बैंक से ले रही थीं, जो कि 16.80 करोड़ रुपए था।
वे आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, ESOP और ESOP का TDS भी आईसीआईसीआई बैंक से ले रही थीं।इसलिए हम जानना चाहते हैं कि आप SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होने के बाद भी अपना वेतन आईसीआईसीआई से क्यों ले रही थीं?
यह सीधे-सीधे सेबी के सेक्शन-54 का उल्लंघन है। इसलिए अगर माधबी पुरी बुच में थोड़ी भी शर्म होगी तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि माधबी पुरी सेबी की सदस्य थी, बाद में वे सेबी की चेयरपर्सन बनी। वे 2017 से 2024 तक आईसीआईसीआई बैंक से नियमित आय ले रही थीं।
पवन खेड़ा ने कहा कि सेबी की भूमिका शेयर बाजार को विनियमित करना है जहां हम सभी अपना पैसा निवेश करते हैं। इसकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। सेबी के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है? यह कैबिनेट की नियुक्ति समिति है। प्रधानमंत्री हैं और गृहमंत्री अमित शाह सेबी के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए इस समिति में दो सदस्य हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले, अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाने वाली निवेश रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी 'ग्लोबल डायनामिक ऑपर्चुनिटी फंड' में हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि इसी कंपनी में गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी ने अरबों डॉलर का निवेश किया है।
आरोप है कि इस पैसे का इस्तेमाल ही शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया। फिलहाल इन आरोपों पर सेबी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हिंडनबर्ग का आरोप है कि अदाणी मामले की जांच का जिम्मा सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर ही था, जबकि उन्हीं की कंपनी में विनोद अदाणी ने भारी-भरकम निवेश किया था।
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