कृष्ण जन्माष्टमी के शुभावसर पर पाकुड़िया प्रखण्ड में दिखा भक्ति एवम उल्लास का माहौल 

भाद्र माह‌ के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि को बाल रुप में प्रकट हुए भगवान श्रीकृष्ण

कृष्ण जन्माष्टमी के शुभावसर पर पाकुड़िया प्रखण्ड में दिखा भक्ति एवम उल्लास का माहौल 

पाकुड़िया/पाकुड़/झारखण्ड:- 26अगस्त को प्रखण्ड मुख्यालय पाकुड़िया में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर पूर्णतः भक्ति का वातावरण एवम काफी चहल-पहल दिखी। इस पूनीत व मंगलमयी बेला में भक्तगण उपवास रखा जिसमें बच्चे-बच्चियां भी उपवास रख पूजा की और श्रीकृष्ण के बाल रुप में प्रकट होने के उपरांत उल्लासित होकर प्रसाद ग्रहण कर व्रत का समापन किया। इस शुभावसर पर पाकुड़िया के राम-सीता मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया। जन्माष्टमी को लेकर प्रखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी काफी हर्षोल्लास रहा।
 
सनातन धर्म, संस्कृति में भगवत् अवतरण की महत्ता चिर काल से रही है और इसमें लोक कल्याण का पावन भाव निहित है। कहा गया है कि जब-जब भारत वर्ष की पावन भूमि में आसुरी शक्तियां बढ़ी और समाज व राष्ट्रीय जन-जीवन को पीड़ित करते हुए अमानवीय कृत्य किया तब-तब आर्यावर्त की पूनीत धरा पर भगवान ने मानव रुप में अवतार लेकर आतातायियों का संहार कर राष्ट्रीय जीवन का कल्याण किया।
 
कृष्ण जन्माष्टमी के शुभावसर पर पाकुड़िया पाकुड़ के राधानगर, बनो ग्राम, श्रीधरपाड़ा, पलासी, पलियादह, सिंहपुर, बेनाकूड़ा, बनडीगा, लखीजोल, नवाडीह, अंगरगड़िया, खजूरचुंआ, गोपालनगर, उपरपारकूड़ा, आलूदाहा, फुलझिंझरी, राजदाहा, बनियापसार, मोंगलाबांध, पाथरडांगा, श्रीरामपचर, लागडुम सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में पूरा उल्लास का माहौल रहा। बालक-बालिकाओं में जन्माष्टमी को लेकर काफी प्रसन्नता की झलक उनके निर्मल चेहरे पर दिखीं। 

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