"इतिहास में सिख महिलाएँ" श्रृंखला के अंतर्गत ग्यारहवाँ विशेष लैक्चर....

स्वतंत्र प्रभात विशेष संवाददाता सुखराज सिंह)
 
दिल्ली सिख इतिहास एंड गुरबाणी फोरम (DSGMC) तथा धर्म प्रचार समिति द्वारा "इतिहास में सिख महिलाएं" श्रृंखला के तहत श्री गुरु हरिगोबिंद साहिब की पत्नी माता दामोदरी जी से संबंधित 11वें विशेष व्याख्यान का आयोजन "गुरु गोबिंद सिंह भवन" गुरुद्वारा रकाबगंज नई दिल्ली में किया गया। 
व्याख्यान की शुरुआत गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल कालकाजी के छात्रों द्वारा गाए गए इलाही गुरबाणी गायन से हुई। फोरम के निदेशक डाॅ. हरबंस कौर सागू ने गुरबाणी फोरम द्वारा शुरू की गई इतिहास में सिख महिलाएं श्रृंखला के बारे में जानकारी साझा की तथा मुख्य अतिथि स. हरदित सिंह गोबिंदपुरी (अध्यक्ष पंजाबी भाषा प्रचार समिति) मुख्य वक्ता डाॅ. हरप्रीत कौर (प्रिंसिपल माता सुंदरी कॉलेज) और तरविंदर कौर खालसा (चेयरपर्सन इंटरनेशनल सिख काउंसिल) का औपचारिक स्वागत किया,
 
मुख्य वक्ता डाॅ. हरप्रीत कौर ने बहुत प्रभावशाली शब्दों में श्री गुरु हरिगोबिंद साहिब जी के महल माता दामोदरी जी के जीवन इतिहास को साझा करते हुए बताया कि माता दामोदरी जी का पूरा जीवन सिख पंथ की सेवा में बीता। आप जी ने सेवा और समर्पण की अनूठी मिसाल कायम कर अपने गुरु पति श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी की हर आज्ञा को स्वीकार किया। परिवार में प्रेम और एकता बनाए रखने के साथ-साथ उन्होंने अपने जीवन के अंतिम पड़ाव तक सेवा सिमरन को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखा। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रथम प्रकाशन के समय, श्री गुरु अर्जन देव जी की शहादत के समय, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के गुरतागद्दी समारोह के समय तथा सिख इतिहास के पहले युद्ध के समय, माता जी द्वारा सिख पंथ के लिए दिए गए महान योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता,
 
पंजाबी भाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष. हरदित सिंह गोबिंदपुरी ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा सिख इतिहास और गुरबानी फोरम की इस मूल्यवान पहल की बहुत सराहना की। उन्होंने कहा कि आज सिक्ख इतिहास को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की बहुत आवश्यकता है क्योंकि जो अपना इतिहास भूल जाते हैं वे स्वयं इतिहास बन जाते हैं। इसलिए गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों में भी ऐसे ऐतिहासिक व्याख्यान शुरू किए जाने चाहिए ताकि देश के बच्चों को स्वर्णिम सिख इतिहास से जोड़ा जा सके।
 
व्याख्यान की अध्यक्षता कर रही बीबी तरविंदर कौर खालसा ने अपने बहुमूल्य विचार साझा करते हुए कहा कि माता दामोदरी जी के अनुकरणीय जीवन से मार्गदर्शन लेते हुए आज सिख महिलाओं को सिख धर्म के प्रति अपना कर्तव्य निभाने और स्वयं के प्रति जागरूक होने की बहुत आवश्यकता है। धन्यवाद के शब्द बोलते हुए स्वर्ण सिंह 'स्वर्ण' ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति, धर्म प्रचार समिति, समस्त अतिथिगणों, विभिन्न गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों के शिक्षकों तथा छात्रों को धन्यवाद किया।
 
इस अवसर पर माता गुजरी जी की पेंटिंग और सरदार हरी सिंह मथारू की पुस्तक "गुरु मंगदा है जवाब" का विमोचन भी किया गया। आज के व्याख्यान में डाॅ. तृप्ता वाही, जसवन्त सिंह सागु, ए.एस. बावा पूर्व कमिश्नर, परमिंदर सिंह मनचंदा सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel