सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर व आशा विवाद को लेकर चार सदस्यीय टीम ने जांच बना हाथी दांत
आशाओ के कलम बन्द बयान लेकर जांच टीम ने सौपा सीएमओ को फिर भी दोषी पर कार्यवाही नही
पैसा व राजनीतिक संरक्षण के कारण तानाशाह का सिंघासन अब तक कायम
विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट
बलरामपुर
जनपद बलरामपुर का एक चर्चित प्रकरण जिसमे स्वास्थ विभाग बलरामपुर के एक अधिकारी जो 9 वर्षो से एक ही स्थान पर कुंडली मार बैठा है के दबंगई और तानाशाही का मिसाल बना हुआ और उसके सारे गलत कार्यो पर विभाग के जनपदीय उच्च अधिकारी भी पर्दा डालने को विवश है यहां तक कि आलम यह है कि उसपर विभागीय कार्यवाही करने से भी लोगो के हाथ पांव फूल रहे की बात नजर आरही है।जबकि अगर इसके काले कारनामो की जांच निष्पक्ष ढंग से किसी अन्य एजेंसी से हो तो बहुत से दफन रॉज का खुलासा होगा । तुलसीपुर सीएचए की आशा सावित्री और सुमन्त सिंह चौहान के विवाद प्रकरण को लेकर अबतक उच्च अधिकारियों ने 4 सदस्यों की टीम बना जांच आरम्भ कर अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी है जिसमे शिकायत करने वाले लोगो के आरोप के सम्बंध जांच टीम ने आशा व उनके साथ उक्त विवाद के समय उपस्थित मरीज से पूरी जानकारी एकत्रित की है कि क्या मामला है और इसको लेकर उनके बयान को कलमबंद कर उच्च अधिकारियों को प्रेषित करने की जानकारी दी जा रही है जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर की अधीक्षक सुमंत सिंह चौहान के ऊपर लगे छेड़छाड़ के आप को लेकर एसीएमओ डॉक्टर बीपी सिंह के नेतृत्व में गठित की गई चार लोगों की टीम पीड़ित आशा के गवाह का बयान लेने चैनपुर बरेडिया गांव में पहुंच कर गवाह का बयान दर्ज किया। गवाह लुबना ने बताया जो सच था वही सब लोगों को बता दिया है । इस तरह से किसी के टॉयलेट में घुसने के बाद इतने दिन तक कार्रवाई न होना बहुत दुखद बात है जो हमने पहले बयान दिया था वहीं हमने दोबारा जांच टीम के सामने बता दिया है।
वही पीड़ित आशा से बात करने पर बताया गया कि हमारे ऊपर हर प्रकार से दबाव बनाया जा रहा है। हमारे बेटे को धमकी दी जा रही है कि तुम्हारा मेडिकल स्टोर बंद करा देंगे तुम्हारी मां को नौकरी से निकाल देंगे जिसकी शिकायत भी हमनें जिलाधिकारी बलरामपुर को कर दिया है। इसके साथ अधीक्षक सुमन्त सिंह चौहान के द्वारा हमारे गवाह पर भी दबाव बनाया जा रहा है। एसीएमओ ने बताया गवाह का बयान नोट कर दिया गया है इस संबंध में सीएमओ ऑफिस से जानकारी दी जाएगी। अब देखना यह होगा कि सीएमओ बलरामपुर अपने अधिनस्त अधिकारी पर आखिर क्या कार्यवाही करते है य उसे बचाने का प्रयास करते हुए सारा दोष पीड़ित आशा पर ही थोप उस पर ही कार्यवाही का ठीकरा फोड़ चहेते अधिकारी को बचाने का कार्य करते है ।जिसको लेकर सीएचसी अधीक्षक ने पूरी ताकत झोंक रखी है जिसको लेकर आशा पुत्र का बयान भी वायरल है जिसकी चर्चा क्षेत्र में काफी है कि तुम गरीब हो कुछ नही कर पाओगे मैं दो चार दस लाख खर्च कर दूंगा।अब देखना यह होगा कि पीड़ित आशाओ को जिले के उच्च अधिकारियों के द्वारा न्याय मिलता है य दौलत के आगे सब नतमस्तक होते है । अभी हाल की बात की जाय तो आशाओ ने अधीक्षक के उत्पीड़न को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाया था जिसमे बिना किसी कार्यवाही के ही उसका निस्तारण आख्या लगा उच्च अधिकारियों को सन्तुष्ट कर देने की जानकारी आशाओ द्वारा दी जा रही है जिसमे यह बताया गया कि शिकायत को निस्तारित कर दिया गया जांच चल रही की आख्या लगा कर जबकि अभी तक दोषियों पर विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई ।जिससे यही लगता है कि स्वास्थ विभाग बलरामपुर अधीक्षक को बचाने के साथ यथा स्थित तैनाती बरकार रखने पर अडिग है सूत्रों की माने तो कुछ नही होगा की बात हो रही अब उसका क्या कारण है कही कोई ऐसा रॉज तो नही जिसके कारण कार्यवाही से कतरा रहे जिले के उच्च अधिकारी ।
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