बस्ती जिले में गबन के 29 लाख रूपये वसूलने के लिए तीन तत्कालीन ग्राम प्रधान और सचिव को डीएम ने जारी किया नोटिस
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बस्ती। बस्ती विक्रमजोत ब्लाक क्षेत्र की तीन ग्राम पंचायतों में 29 लाख रुपये के गबन का मामला सामने में आया है। यह गबन 2013-14 में किया गया, जिसे जिला लेखा परीक्षा इकाई ने पकड़ा। ऑडिट इकाई की रिपोर्ट पर डीएम ने तीनों ग्राम पंचायतों में तत्कालीन ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ वसूली की नोटिस जारी किया है। तीनों ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिव से गबन की आधी धनराशि वसूलने का निर्देश एडीएम और डीपीआरओ को दिया गया है। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायत ने विकास खंड विक्रमजोत के लजघटा, कवलपुर और अकला में हुए 2013-14 के कार्यों की ऑडिट किया। ऑडिट इकाई ने अपनी रिपोर्ट डीएम को दी। रिपोर्ट के अनुसार तीनों ग्राम पंचायतों में बड़े पैमाने पर धन के गबन की स्थिति सामने आई।
ग्राम पंचायत लजघटा की तत्कालीन प्रधान सरोज देवी और ग्राम पंचायत सचिव अनिल कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से ग्राम निधि प्रथम खाते से 762988 रुपये की निकासी की। ग्राम पंचायत कवलपुर में प्रधान तारा देवी और सचिव अनिल कुमार सिंह ने 986470 रुपये और ग्राम पंचायत अकला में प्रधान तुलसीराम और सचिव अनिल कुमार सिंह ने 1164991 रुपये की निकासी की थी। ऑडिट इकाई ने तीनों ग्राम पंचायतों के तत्कालीन प्रधान और तत्कालीन सचिव व्यय प्रमाणक, सामग्री क्रय से संबंधित बाऊचर, कैशबुक, एमबी रजिस्टर, भौतिक सत्यापन प्रमाण-पत्र, कार्यपूर्ति की मांग की।
प्रधान और सचिवों ने बार-बार की मांग के बाद इसे उपलब्ध नहीं कराया। जांच के लिए अभिलेख प्राप्त नहीं होने पर ऑडिट इकाई ने संपूर्ण धनराशि को गबन माना और ग्राम प्रधान व सचिव से वसूली की संस्तुति कर दी। तीनों ग्राम पंचायतों में गबन की कुल धनराशि 29 लाख 14 हजार 459 रुपये है। ऑडिट इकाई की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने फरवरी 2023 में तीनों ग्राम पंचायतों के पूर्व प्रधान व तत्कालीन सचिव अनिल कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया। डीएम के नोटिस का भी किसी ने जवाब नहीं दिया। इससे स्पष्ट होता है कि तीनों ग्राम पंचायतों के लजघटा के प्रधान सरोज देवी, कलवपुर की तारा देवी और अकला के तुलसीराम और तीनों गांवों के सचिव अनिल कुमार सिंह ने धनराशि के गबन को स्वीकार कर लिया।
डीएम रवीश गुप्ता ने उत्तर प्रदेश पंचायतीराज अधिनियम 1947 में दिए गए प्राविधानों का प्रयोग करते हुए तीनों के ग्राम पंचायतों के पूर्व प्रधानों से गबन की धनराशि का आधा हिस्सा और तीनों के सचिवों से आधा हिस्सा जमा करने का निर्देश पारित किया है। एडीएम को दिए निर्देश में कहा गया है कि तीनों के ग्राम प्रधानों से वसूली की धनराशि भू-राजस्व के रूप में वसूला जाए। डीपीआरओ को निर्देशित किया गया है कि सचिव के वेतन से बकाया की धनराशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वसूल की जाए।
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