अवैध कबाड़ियों के काला साम्राज्य का जिम्मेदार कौन.......…… आरटीओ विभाग या पुलिस प्रशासन
जनपद के जिम्मेदार अधिकारी आखिर मौन क्यों?
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अम्बेडकरनगर। जनपद के थानों के आसपास खुलेआम कबाड़ियों का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। थाना प्रभारी से लेकर पुलिस स्टाफ रोजाना कबाड़ दुकान संचालकों के पास उठ बैठ रहे हैं। लेकिन कबाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। यही वजह है कि अब चोर मोटरसाइकिल , किसानों के सिंचाई मोटर, इंजन पानी वाला पंखा चोरी करके कबाड़ दुकानों में आसानी से खपा रहे हैं। और कबाड़ी चोरी का सामना औने-पौने दामों खरीद भी लेते हैं
जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के माध्यम से मांगी गई थी जानकारी दी गई...….. पुलिस प्रशासन झड़ा पल्ला
बसखारी थाना अध्यक्ष सन्त कुमार सिंह ने जब सूचना के माध्यम से मांगी गई जानकारी में अपना पल्ला झाड़ने नजर आए दो बिंदुओं में आरटीओ विभाग को जिम्मेदार ठहराया तीसरी बिन्दु लिखा गया एनओसी के बारे में लिखा थाना स्थानीय पर कोई सूचना प्राप्त नहीं
अवैध कबाड़ियों के काला साम्राज्य का जिम्मेदार कौन.......…… आरटीओ विभाग या पुलिस प्रशासन
आरटीओ विभाग से जब शिकायत की गई मुख्यमंत्री पोर्टल पर तो आरटीओ विभाग लिख रहा है पत्र जारी किया गया है जिला प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए आखिर जिला प्रशासन या फिर पुलिस प्रशासन अवैध कबाड़ियों के दुकानों पर छापामारी एवं अवैध कबाड़ चीज करने में क्यों जिम्मेदार विभाग कन्नी काट रही है एक दूसरे के ऊपर आरोप लगाते दिख रहे हैं विभाग एक तरफ आरटीओ विभाग लिखता है जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए पत्र जारी कर दिया वहीं पर पुलिस प्रशासन लिखता है इस का जिम्मेदार आरटीओ विभाग है
कहीं ऐसा तो नहीं कबाड़ की दुकानों से यह दोनों विभाग मोटी रकम वसूली तो नहीं करता
जिस तरीके प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर खबरें प्रकाशित होती रहती है कबाड़ियों के अवैध संचालन का और पुलिस प्रशासन कब एड के संचालन मलिक को थाने पर बैठकर 151 करके छोड़ दिया जा रहा है इससे या साफ जाहिर हो रहा है की वसूली चल रही है वहीं पर थाना अध्यक्ष जलालपुर का कहना है उसके पास प्लास्टिक खरीदने का लाइसेंस है।उक्त मामले में सूत्रों से जानकारी मिली थी कि बत्ती बुता के 350000 लिया गया था। कार्रवाई के नाम पर लिपापोती करना यानी की सूत्रों से मिली जानकारी सही साबित होती दिख रही है यह जांच का विषय है।
क्या प्लास्टिक के लाइसेंस पर गाड़ियों की खरीद करके स्क्रैप बनाने की खुली छोड़ दे दी गई
थाना जलालपुर के द्वारा यह घटिया कृत करके कबाड़ी के ऊपर सुशांगत धाराओं में मुकदमा ना पंजीकृत करके अवध कबाड़ियों को संरक्षण दे रही है पुलिस प्रशासन में बसखारी जलालपुर रोड, आजमगढ़ रोड हाईवे के पास जलालपुर थाने के आसपास से कबाड़ दुकानों की लाइन शुरू होती है। अवैध दुकानों को बंद करवाने के लिए पुलिस हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। पुलिस संरक्षण से ही कबाड़ की दुकानें संचालित हो रही हैं। इस व्यसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकटोक नहीं है। जिले में एक हजार से अधिक जगहों पर कबाड़ दुकान चल रही है। कबाड़ सामान को सड़क तक फैलाकर रखते हैं। संचालक बेधड़क गाड़ियों को खरीद कर स्क्रैप बना रहे हैं। फिर दूसरी जगह महंगे दाम में सप्लाई करते हैं। बाइक व अन्य चोरी के सामान खपाना आम बात हो चुकी है।
चोरी की घटनाएं भी बढ़ी
इन दिनों शहर के गली मोहल्लों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह-जगह कबाड़ दुकान संचालित हो रही है। सभी संचालक प्रत्येक सप्ताह सैकड़ों टन लोहे का कबाड़ खरीद रहे हैं। इतनी मात्रा में लोहे कहां से आ रहा है। इसके बारे में किसी को पता नहीं है। जानकारी के मुताबिक कुछ ट्रैक्टर बाहर से खरीद कर स्क्रैप बनाया जा रहा है । और विभाग के द्वारा कार्रवाई न करना शहर में कबाड़ियों की बाढ़ दिखाई पड़ रही हैं जिले में जैसे कबाड़ दुकानों की संख्या में में भी बढ़ोतरी हुई है, उसी तरह चोरी की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। चोर नए-नए क्षेत्र में चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इससे पहले बसखारी में चोरी के समान पकड़ा गया था चोर चोर पड़ा गया था लेकिन पुलिस ने छोड़ दिया ।
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता
चोरी की घटना को रोकने में पुलिस प्रशासन फिसड्डे साबित हो रहे हैं । लेकिन, कबाड़ दुकानों को बंद करवाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। सभी थानों में कबाड़ संचालक पूरा समय बैठा रहता है। पुलिस स्टाफ भी संचालक के साथ टाइमपास करते हैं। पुलिस के संरक्षण में कबाड़ी खुलेआम कारोबार कर रहा है।जनपद के जिम्मेदार अधिकारी आखिर मौन क्यों? मिडिया में खबरें प्रकाशित होने के बावजूद क्या मामले से है अनजान या कर रहे नजरअंदाज यह भी अपने आप में यक्ष प्रश्न है मिडिया द्वारा खुलासा जारी रहेगा।
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