ये भी बच गया बाबा ,बाबा रे बाबा SIT की जांच पूरी,

ये भी बच गया बाबा ,बाबा रे बाबा SIT की जांच पूरी,

स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सूरज सिंह यादव उर्फ कथित भोला बाबा के सत्संग में मची भगदड में 121 लोगों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी की पेश रिपोर्ट में हादसे का जनक बाबा भोले उर्फ सूरज सिंह यादव को क्लीन चिट दे दी है। इससे एक बात तो साफ है कि राजनीतिक कथाकारों  का आशीर्वाद मिलता रहे तो बडे से बडे चोर को छोडकर कोतवाल को  गुनाहगार साबित कर धरा जा सकता है। यहां भी मगरमच्छ को तजकर छोटी मच्छलियो को तल दिया है। जबकि बाबा के करीबी लोग उसकी असलियत की पोल पट्टी खोल रहे हैं। कि वह कोई चमत्कारिक नहीं है।

लेकिन छद्म बाबा के झांसे में वह भोले-भाले लोगों को भगवान भोले का अवतारी होने का दावा कर लोगो को मूर्ख बना रहा है। हैड पंप के पानी को अमृत बताने वाले, अपने को चक्रधारी सम्राट के रूप में परोसने वाले बाबा को   एसआईटी ने किस वजह से क्लीन चिट दे दी है। जबकि पीडित समेत इलाकई लोग चीख-चीख कर कथित बाबा को छद्मम्बी लाल बता रहे है। बावजूद इसके कथित बाबा के खिलाफ एफआईआर में नाम तक दर्ज नहीं किया गया। और अब हद तो तब हो गई जब एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में एक दम क्लिन चिट देकर यह तो साबित कर दिया कि इस मामले में  राजनीतिक गठजोड की बू जरूरआ रही है। इस बावत  नागरिक अधिकार आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजव्रत आर्य के मुताबिक हाथरस भगदड कांड में 121 लोगों की मौत पर किसी भी राजनीतिक पार्टी नेता ने कथित स्वभू भोले बाबा उर्फ सूरज सिंह के खिलाफ अब तक एक भी शब्द नहीं बोला है।

सभी नेता प्रशासनिक जिम्मेदारी का हवाला देकर बाबा को किलिन चिट दे रहे है। दरअसल इस कथित बाबा के दरबार में वोट की राजनीति के चलते तमाम नेता लोग बाबा की चौखट पर माथा टेकते रहे है। कथित बाबा के घुटनो पर आए नेताओ से न्याय की उम्मीद भी कैसे की जा सकती है। उन्होने आरोप लगाते हुए बताया कि कथित बाबा के फ्लोवर्स में बडी संख्या दलितों की है। इनमें जाटव ,कुर्मी समाज के लोग भी शामिल है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियों को लाखों का वोट बैंक खिसकता दिख रहा है। इसी वजह से कथित बाबा को क्लीन चिट दे रहे है।  बहरहाल प्रशासन ने बतौर, मुआवजे के मृतकों के परिवार को 2 लाख रूपये और घायलो को 50 हजार रूपये देने की घोषणा की है।    मुआवजे की घोषणा के बाद सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला तो झाड लिया है ।

पर कथित  बाबाओ की लंबी होती फेहरिस्त में जिनमें,  आशा राम ,, बाबा रामपाल, राम रहीम,नित्यानंद स्वामी  ये तमाम कथित स्वंभू बाबा इस वक्त, यौन- भोग शौषण,मर्डर के आरोप में जेल में बंद है। इन सबके साथ कथित भोले बाबा उर्फ सूरज पाल सिंह का नाम भी जुड सकता है। अगर सरकार इमानदारी से जांच करें तो ये संभव हो सकता है।इससे 121 मौत से जुडे परिवार को दिली राहत जरूर मिलेगी।आंदोलन के अध्यक्ष राजव्रत ने बताया कि कथित ढोंगी बाबा सूरज पाल सिंह के 25 के करीब बडे-बडे भू-भाग में महल रूपी आश्रम है। जिनमें तमाम फाइव  स्टार सुविधाओ में डूबे  हर.तरह के नशे से लेकर युवतियों को परोसा जाता है। जहां भगवान के नाम को बदनाम किया जा रहा है। 100 करोड से ऊपर की संपति के स्वंभू बाबा पर आर्थिक जांच होनी जरूरी है। 

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