बड़े माफियाओं पर मेहरबान वन विभाग छोटों के लिए कठोर कार्यवाही
ब्यूरो रिपोर्ट
बलरामपुर
सुहेलवा वन्य जीव प्रभाग के वरहवा बीट के गनेशपुर जंगल मे सोमवार सुबह दो लोग अवैध रूप से बेशकीमती खैर तथा सागौन के हरे पेड काटकर बोटा बना रहे थे।मुख्यबिर की सूचना पर वरहवा वन विभाग टीम रेंजर राकेश पाठक, वन दरोगा सूरज पाण्डेय, धीरेंद्र कुमार, मुन्नालाल,व अन्य टीम बताए गए जगह पर पहुंचकर शमीउल्ला उर्फ सोनू40 वर्ष पुत्र किताबू तथा रिजवान अहमद उर्फ कल्लन 40 वर्ष पुत्र लल्लन निवासी रेहरा थाना तुलसीपुर को घेरकर मौके पर पकड लिया काटे गए 4 बोटा सागौन एवं खैर साथ मे एक बाइक भी बरामद किया।
रेंज परिसर लाकर विधिक कार्यवाई की गई।
वरहवा वन विभाग टीम द्वारा लगातार कार्रवाई कर रही है लेकिन वरहवा जंगल मे अवैध कटान नही रूक रहा है।
पेड़ कटने से जहां जंगल का दायरा सिमटता जा रहा है वहीं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।पेड़ों की अवैध कटान रोकने में विभागीय अधिकारी पूरी तरह असफल है। वन्य जीव प्रेमियों ने पेड़ों की कटान रोकने के लिए जिलाधिकारी से लगातार गुहार लगा रहे है।तराई क्षेत्र में स्थित सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग बहुत ही समृद्ध माना गया है।सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग में काला शीशम, शाखू, सागौन,धूप व खैर के पेड़ बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं। यहां का काला शीशम,शाखू व सागौन की लकड़ी को काफी अच्छा माना जाता है। बेशकीमती होने के कारण इन लकड़ियों पर वन माफिया की नजर हमेशा बनी रहती है। सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग के सभी रेंज में रात होते ही लकड़कट्टे सक्रिय हो जाते हैं। सोहेलवा जंगल में शिकार व लकड़ी काटने के लिए नेपाली वन माफिया भी सक्रिय रहते हैं। सीमावर्ती गांवों के लोग रात के समय पेड़ काटकर साइकिल के सहारे लकड़ी गांव में पहुंचा देते हैं।अधिक मात्रा में लकड़ी इकट्ठा होने के बाद वन माफिया पिकअप आदि में लकड़ी लादकर आरा मशीनों पर भेज देते हैं।जंगल के समीपवर्ती गांव में आए दिन लकड़ियां बरामद होती रहती हैं। विभाग के लोग मामूली जुर्माना करके लकड़कट्टों को छोड़ देते हैं।
जंगल को सबसे अधिक नुकसान समीपवर्ती गांव के लोग ही पहुंचाते हैं।उनके जरिए ही वन माफिया के लोग पेड़ काटने और उसे मुंह मांगे दाम पर बेच रहे हैं। स्थानीय लोगों को थोड़ा बहुत पैसा देकर वन माफिया मोटी कमाई करते हैं। विभाग के लोग पेड़ों की अवैध कटान रोकने के लिए महज कागजी अभियान चलाते हैं। विभागीय अधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही के कारण वन माफिया पेड़ काटकर जंगल को काफी नुकसान पहुंचा रहे है। पेड़ कटने के कारण जंगल का दायरा सिमटता जा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि इसी तरह पेड़ कटते रहे तो एक दिन जंगल का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। क्षेत्रवासी दीपक कुमार, अरविंद, सहजराम, खेलावन, धर्मेन्द्र कुमार, राज कुमार, सुहेल,प्रकाश, इरशादुल्लाह कलीम आदि लोगो ने जंगल में पेड़ों की कटान पर अंकुश लगाए जाने की मांग जिलाधिकारी से की है।इस संबंध मे एसडीओ एमबी सिंह ने बताया कि कठोर कार्रवाई नही होने से कटान नही रूक रहा है।वन माफिया घोषित करने के लिए जिलाधिकारी को लिखित प्रार्थनापत्र भेजा गया है,आदेश मिलते ही वन माफिया के तहत कार्रवाई शुरु कर दिया जाएगा।
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