नये आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता -2023 के महत्वपूर्ण बदलाव के सम्बन्ध में जागरुक किया गया ।

नये आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता -2023 के महत्वपूर्ण बदलाव के सम्बन्ध में जागरुक किया गया ।

प्रयागराज। पुलिस आयुक्त द्वारा थाना सिविल लाइन्स पर गणमान्य/संभ्रान्त व्यक्तियों के साथ गोष्ठी कर लागू किये गये नये आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम) -2023 के महत्वपूर्ण बदलाव के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए जागरुक किया गया । 
बताया गया कि पुराने कानून ब्रिटिश राज्य के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए दण्ड पर आधारित थे जबकि नये कानून न्याय पर आधारित हैं, जो भारतीय न्याय व्यवस्था को प्रिबिम्बित करता है।
 
नये आपराधिक कानूनों का मुख्य लक्ष्य ऐसी आपराधिक न्याय प्रणाली बनाना है जो न केवल नागरिको के अधिकारों की रक्षा करती बल्कि कानूनी व्यवस्था को भी और अधिक मजबूत बनाती है तथा सभी के लिए सुलभ एवं त्वरित न्याय सुनिश्चित हो। नये कानून में नागरिको मौखिक अथवा इलेक्ट्रानिक संचार का उपयोग कर बिना उस क्षेत्र पर विचार किये जहां अपराध किया गया है एफआईआर दर्ज कराने एवं बिना देरी के एफआईआर की एक प्रति निःशुल्क प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है।  
 
 
टेक्नोलाजी को दृष्टिगत रखते हुए दाण्डिक प्रणाली में आडियो, वीडियो एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य को समाहित किया गया है तथा कानूनी जांच, पूछ-तांछ एवं मुकदमें की कार्यवाही को इलेक्ट्रॉनिक रुप से आयोजित करने का प्राविधान है। नये प्राविधानों में पुलिस को 90 दिन के भीतर जांच की प्रगति के बारे में पीड़ित को सूचित करना अनिवार्य है तथा पीड़ित की मेडिकल जांच उसकी सहमति से और अपराध की सूचना मिलने के 24 घण्टे के भीतर कराये जाने अधिकार प्राप्त करने के प्राविधान है।
 
नये आपराधिक कानूनों में महिलाओं एवं बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों में कठोर दण्ड (आजीवन कारावास या मृत्युदण्ड) का प्राविधान किया गया है तथा  चिकित्सकों को बलात्कार से पीड़ित महिला की मेडिकल रिपोर्ट 07 दिनों के भीतर जांच अधिकारी को भेजने एवं पीड़ित महिला का बयान, केवल महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट के द्वारा दर्ज किया जायेगा और उसकी अनुपस्थिति में किसी महिला की उपस्थिति में पुरुष न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किये जाने का प्राविधान है।
 
आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और सुलभ बनाया गया है। नागरिको को अभियोजन पक्ष की सहायता के लिए अपना स्वयं का कानूनी प्रतिनिधित्व करने का अधिकार प्रदान किया गया है उपरोक्त जागरुकता कार्यक्रम में पुलिस उपायुक्त नगर, सहायक पुलिस आयुक्त सिविल लाइन्स तथा प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइन्स उपस्थित रहे।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel