उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला 28 निर्दोष की आपराधिक कार्यवाही समाप्त करने का किया आदेश

कोंहडौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई हत्या के विरोध में क्षेत्रीय समाजसेवी व नवयुवकों द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया था।

 उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला 28 निर्दोष  की आपराधिक कार्यवाही समाप्त करने का किया आदेश

28 निर्दोष वादीगणों को बड़ी राहत देते उनके विरुद्ध चल रहे सिविल जज (सीनियर डिवीजन )/ एफ टी सी द्वितीय प्रतापगढ़ के समक्ष लंबित आपराधिक कार्यवाही को समाप्त किया गया

स्वतंत्र प्रभात-राजधानी

 उच्च न्यायालय लखनऊ की एकल खंडपीठ न्यायाधीश श्री शमीम अहमद द्वारा अपने आदेश दिनांक 14/06/2024 के जरिए ग्राम शिवपुर खुर्द थाना कोंहडौर जनपद प्रतापगढ़ के 28 निर्दोष वादीगणों को बड़ी राहत देते उनके विरुद्ध चल रहे सिविल जज (सीनियर डिवीजन )/ एफ टी सी द्वितीय प्रतापगढ़ के समक्ष लंबित आपराधिक कार्यवाही को समाप्त किया गया उक्त मामला थाना कोंहडौर जनपद प्रतापगढ़ द्वारा 30/05/2021 को कंधरापुर अयोध्या राज्य मार्ग पर कोंहडौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई हत्या के विरोध में क्षेत्रीय समाजसेवी व नवयुवकों द्वारा कैंडल मार्च निकल गया था।

 

  जिसमें स्थानीय पुलिस ने कोरोना गाइडलाइन उल्लंघन का जुर्म बताते हुए 28 नवयुवकों के खिलाफ अपराध संख्या 106/2021 अंतर्गत धारा 143,147,281,283,188,269आई पी सी एवं 51B डिजास्टर मैनेजमेंट अधिनियम 2005 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर दिया था उक्त मामले में थाना कोंहडौर जनपद प्रतापगढ़ द्वारा विवेचना पूर्ण करते हुए न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन) प्रतापगढ़ के समक्ष आरोप पत्र 06/08/2022 को दाखिल कर दिया गया जिस पर संबंधित न्यायालय द्वारा 13/09/2022 को तलबी आदेश पारित कर वादीगणों को तलब किया गया

2

इसके बाद समस्त वादीगण अधिवक्ता मानुवेंद्र सिंह के मदद से माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में क्रिमिनल एप्लीकेशन संख्या 2784/2024 (482) आशीष कुमार तिवारी @ राहुल व 27 अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य दाखिल करवाए उक्त वाद में वादीगणों की तरफ से अधिवक्ता मानुवेंद्र सिंह ने न्यायालय के समक्ष तलवी आदेश व आरोप पत्र को अवैधानिक और विधि विरुद्ध बताते हुए निरस्त करने की याचिका किए तथा उन्होंने अपने दलील में कहा कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन)/ एफ टी सी द्वितीय प्रतापगढ़ को उक्त वाद में संज्ञान लेने का अधिकार नहीं है क्योंकि धारा 172 से 184 आई पी सी पर जब तक कोरोना गाइडलाइन जारी करने वाला अधिकारी संबंधित मजिस्ट्रेट को लिखित में कंप्लेंट नहीं देता है।

 

तब तक संबंधित मजिस्ट्रेट संज्ञान नहीं ले सकता लिहाजा उक्त तलबी आदेश व  आरोप पत्र निरस्त होने योग्य है इसके बाद माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ द्वारा उपरोक्त वाद को दिनांक 02/05/2024 को सुनकर आदेश रिजर्व कर लिया गया फिर गहनता से विचार कर उक्त वाद में 14/06/2024 को आदेश पारित करते हुए जस्टिस शमीम अहमद द्वारा वादीगड़ो की याचिका स्वीकार करते हुए तलबी आदेश व आरोप पत्र को रद्द कर दिया गया

 

साथ ही वादीगणों के विरुद्ध संबंधित न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन) इफ टी सी द्वितीय प्रतापगढ़ के समक्ष लंबित समस्त आपराधिक कार्यवाही को समाप्त कर दिया गया नवयुवकों के लिए यह आदेश किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है उक्त आदेश के बाद प्रतापगढ़ की जनता व सभी वादीगणों  ने अधिवक्ता मानुवेंद्र सिंह को धन्यवाद व्यक्त किया तथा माननीय उच्च न्यायालय का भी आभार व्यक्त किया

About The Author

Post Comment

Comment List

Online Channel

साहित्य ज्योतिष

कविता
संजीव-नी। 
संजीव-नी।
संजीव-नीl
संजीव-नी।