[जम्मू-काश्मीर में आतंकवादी घटना पर त्वरित कविता]

संजीव-नी।

 [जम्मू-काश्मीर में आतंकवादी घटना पर त्वरित कविता]

जम्मू(कठुआ) में जवानों
पर तुमने किया हमला
निरीह श्रद्धालुओं को
मौत की नींद सुलाई
तुम्हें जरा भी शर्म नहीं आई।

हमला था तुम्हारा कायराना,
हमसे बढ़ाना चाहते हो याराना
अब फिर तुम्हारे घर में घुस
मार कर सर्वनाश करेंगे तुम्हारा।

बहुत हुआ पाकिस्तान-पाकिस्तान,
सचमुच बना देंगे उसे कब्रिस्तान।
अबकी बार
पाक को कफ़न ही पहनाएंगे।

अपने शहीद साथियों
के बदले आतंकियों का
सर ही काट लाएंगे।
ए दुश्मन इसे धमकी न
समझना तेरी औकात
जानते है हम ।

सचमुच
कसम हिंदुस्तान की
न चूकेंगे, न रुकेंगे,
समूचा इस्लामाबाद
इस बार दिल्ली
घसीट कर ले आयेगे।

अभी 370 हटा कर,
कश्मीर को यूनियन टेरीटरी बनाया है,
अबकी बार बलूचिस्तान को स्वतंत्र करवाकर,
Pok खींच लाएंगे।

हिंदुस्तानी शेर ए हिन्द है हम,
भेड़ियों तुम्हारी चाल समझते हम
तेरा नमो निशा मिटा देंगे हम
जानते हैं तुझ में कुछ भी नहीं दम।

तेरी इस बार खाल खींच लाएंगे,
तेरा नामो निशान मिटा आएंगे,
इस बार जो जाएंगे हम
तेरे पूरे नक्शे को
मिटा कर आएंगे हम।

खाने को तेरे पास नहीं है दाने,
तू आतंकियों को लगा भड़काने,
तेरे से दर-दर भीख ना मंगवाई
तो हम हिंदुस्तानी नहीं,
हर बार तुझे किया माफ
इस बार कर देंगे पूरा साफ ।

वीर सपूतों, श्रद्धालुओं को
विनम्र श्रद्धांजलि,नमन।
ओम शांति ओम।
जय हिंद,जय अखंड भारत।

संजीव ठाकुर 

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