रुपईडीह ब्लॉक में 56 राजकीय नलकूप जिसमें से ज्यादातर नलकूप बने सफेद हाथी सरकार की मंशा किसानों को मिले सिंचाई सुविधा
ब्लाक में 25 लाख 20 हजार रूपये खर्च किए जाने के लिए मिले।लेकिन अधिकतर नलकूपों की नालियां टैंक टूटी पड़ी है।
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रूपईडीह गोण्डा। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को मुफ्त सिंचाई हेतु राजकीय नलकूपों की सिंचाई माफ तो कर दी गई है लेकिन जमीनी स्तर पर जब राजकीय नलकूप बंद ही पड़े रहेंगे तो चाहे माफ कर दी जाए चाहे शुल्क लगा दिया जाए उसका कोई तात्पर्य नहीं बनता इसका जीता जागता उदाहरण गोंडा जिले के रुपईडीह ब्लॉक में देखने को मिल रहा है। तापमान के बढ़ने से कृषि कार्य प्रभावित हो रहें हैं वहीं हल्की बारिश होने से किसानों ने राहत की सांस ली है। लेकिन लगातार तापमान में वृद्धि से किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जबकि सरकार कृषि कार्यों को बढ़ावा व आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है। किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि विभाग द्वारा कई तरह के योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि किसानों के सामने सिंचाई की गंभीर समस्या बनी हुई है, जिससे किसानों के सामने खेती कर फसल उगाना एक चुनौती बनता जा रहा है। सरकार के लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने की बावजूद भी आखिर कब तक भ्रष्टाचार के चक्की में पिसते रहेंगे किस आखिर क्यों किसानों के हित में कार्य करने के लिए जो सरकार बजट देती है वह खर्च करने के लिए कागजी कार्रवाई कर क्यों कर लिया जाता है बंदर बाद आखिर क्यों नहीं होती है ऐसे विभागीय भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर कार्रवाई?
विकास खंड रूपईडीह में 56 राजकीय नलकूप है, सरकार के द्वारा प्रत्येक वर्ष राजकीय नलकूपो के मरम्मत व रखरखाव पर पैंतालीस हजार रुपए खर्च किए जा रहे हैं जिससे ब्लाक में 25 लाख 20हजार रूपये खर्च किए जाने के लिए मिले।लेकिन अधिकतर नलकूपों की नालियां टूटी पड़ी है। इनमें भी तमाम नलकूप पिछले कई वर्षों से सफेद हाथी बनकर किसानों को मुंह चिढ़ा रहे है। ग्रामीण इलाके में नहरों के बाद राजकीय नलकूप ही सिंचाई का प्रमुख साधन होते हैं। बढ़ते तापमान के कारण इन दिनों में गन्ने व अन्य फसलों को पानी की बहुत जरूरत है। अधिकतर नलकूप खराब होने से सिंचाई के अभाव में हजारों बीघा फसल प्रभावित हो रही हैं। फसल बचाने को किसान निजी पंपिंग सेट से सिंचाई करने को मजबूर है। एक बीघा फसल की सिंचाई में 300 रुपये से अधिक खर्च होते है। लिहाजा, किसानों के फसल की लागत बढ़ जाती है।
शिकायत पर भी नहीं हो रही सुनवाई रघु बाबा समाज सेवा संस्थान के अध्यक्ष राज कुमार दुबे ने बताया कि क्षेत्र के गांव में लगा राजकीय नलकूप कई वर्षों से नालियां टूटी हुई है। ग्रामीणों ने इस की शिकायत कराने के लिए कई बार ब्लॉक से लेकर जनपद स्तर तक की। लेकिन नलकूप की नालियां सही नहीं हुई। क्षेत्रीय लोगों को फसलों की सिंचाई के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण शिकायत करके थक चुके है।
सिंचाई के अभाव में खराब हो रही फसलें कौन है इसका जिम्मेदार
क्षेत्र के किसान रामगोपाल शुक्ला, अशोक चौबे,अमर नाथ तिवारी मनोज कुमार मौर्य, ने बताया खेत की नलकूप की
नालियां खराब होने से गन्ने व अन्य फसलों की सिंचाई के अभाव में खराब हो रही है। अधिकारी सरकार की मंशा के विपरीत काम कर रहे है। किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है। सिंचाई के पर्याप्त साधन न होने से फसलों की उपज अच्छी नहीं हो रही है।
इन गांवों में खराब हैं नालियां विकासखंड के फरेंदा शुक्ल के कंचनपुर,रूपईडीह, माथेडीह, देवारिया कला, इंटहिया नवीजोत, देवतहा, मधवानगर, पेडारेगढवा, नारायणपुर माफी, झूरीकईया, हिन्दू नगर बाकी, छिछुली, भुडकुडा ,सेवरहा , आदि में राजकीय नलकूलों की नालियां खराब हैं।
अवर अभियंता विकास दीप मौर्य ने बताया की ब्लॉक के जो खराब पड़े हुए राजकीय नलकूप की नालियां थी उसको सही कराया गया है जो बाकी है उसको भी सही कराया जाएगा

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