यूपी सरकार की पान मसाला, तम्बाकू बिक्री पर नए आदेश को लेकर पान बिक्रेता चिंतित

आदेश को लेकर व्यपारियो ने तहसीलदार तुलसीपुर परमेश कुमार को मुख्यमंत्री को प्रेषित सौपा ज्ञापन

यूपी सरकार की पान मसाला, तम्बाकू बिक्री पर नए आदेश को लेकर पान बिक्रेता चिंतित

बलरामपुर यूपी सरकार के यह आदेश एक जून से प्रभावी हो जाने से कि पान, मसाला व तम्बाकू की एक ही परिसर/दुकान से बिक्री नहीं किए जाने को लेकर स्थानीय व्यापारी विरोध पर उतर आए और इस आदेश के अधिसूचना को रदद किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपने की बात सामने आई है ।जिसमे पान ,मसाला ,तम्बाकू के बिक्री के नियमो में फेर बदल न कर पुराने स्थित पर बहाल किया जाय जिससे गरीब परिवारों को रोजी रोटी चलती रहे। 
 
आप को बता दे कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में पान मसाला व तम्बाकू की एक ही परिसर/दुकान से बिक्री नहीं किए जाने संबंधी अधिसूचना को जारी कर एक ही दूकान पर पान ,मसाला ,तम्बाकू की बिक्री पर रोक लगाने के साथ तम्बाकू बिक्री को लेकर सख्त रवैया अपनाने की बात की गई थी जो एक जून से प्रभावी आदेश बन चुका जिससे पान की दूकान करने वाले काफी चिंतित है । जिसे रदद किए जाने की मांग को लेकर व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांग पत्र तहसीलदार प्रथमेश कुमार को सौंपा।
 
महामंत्री रूप चन्द्र गुप्ता ने बताया कि विगत दिनों आयुक्त खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन द्वारा जारी आदेश में समस्त जिलाधिकारियों को इस मामले में कार्यवाही किए जाने को कहा गया है।केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर आज सभी नगर,कस्बा,ज़िला मण्डल व महानगर इकाइयों द्वारा मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा गया है।पत्र में मांग की गई है कि प्रत्येक गांव,गली,कस्बों,नुक्कड व चौराहों पर पान मसाला की दुकाने है जिससे गरीबों का जीविका चलती है। 
 
ऐसे में इस प्रकार के आदेश का पालन करना उन गरीब व छोटे व्यापारियों के लिए कतई संभव ही नहीं है।इस प्रकार के कानून से अधिकारियों द्वारा उनको परेशान किया जाएगा तथा भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा इसलिए इस तरह के आदेश को निरस्त किए जाने की मांग की गई है।अध्यक्ष राम जी आर्य,प्रभारी श्याम बिहारी अग्रहरि,युवा अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता,सरदार बबलू सिंह,ओम प्रकाश चौरसिया,स्वामी नाथ सोनी आदि मौजूद रहे।

About The Author

Post Comment

Comment List

Online Channel

साहित्य ज्योतिष

कविता
संजीव-नी। 
संजीव-नी।
संजीव-नीl
संजीव-नी।