प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बड़े स्तर का गोलमाल साहेब जान कर बने अनजान
नवगठित नगर पंचायत भीरा व निघासन में शहरी पीएम आवास घोटाला
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शान द्वारा जारी शासनादेश संख्या 568/69 दि0 01जुलाई 2019 का खुला मखौल उड़ा रहे। अरिनेम सर्वेयर व डी०सी० पहले से बने पक्के आवासों को रेवाड़ी की तरह बांटे गए शहरी पीएम आवास भ्रष्टाचार....
लखीमपुर खीरी। सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद शहरी पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है शहरी पीएम आवास के आवंटन का काम देख रही आउटसोर्सिंग कंपनी अरिनेम कंसलटेंट के सर्वेयर डीसी सहित नगर पंचायत के कई वार्ड मेंबरों के साठगत करके जमकर गाइडलाइन का माखौल उड़ते हुए आपात्र और पहले से बने पक्के मकान धारकों को शहरी पीएम आवास दिए जाने की चर्चाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।
गरीब मजदूरी पैसा और वास्तविक जरूरतमंद लोग आज भी आवास पाने की ललक में नगर पंचायत के चक्कर काटते घूम रहे हैं सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार प्रति आवास 20000 से ₹30000 वसूल कर अपात्रों को आवास दिए जाने का मामला चर्चा का विषय बना है वहीं यदि हम नगर पंचायत निघासन में शहरी पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है यहां भी आवास के नाम पर जमकर अवैध वसूली करके आपत्रो के नाम सूची में शामिल किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में गुपचुप तरीके से 1403 लोगों की सूची बनाए जाने की चर्चा आम हो रही है यह सूची बिना कैंप लगाए बनाए जाने की जानकारी आम हो रही है सूत्र बताते हैं उपरोक्त सूची सभासद और अध्यक्ष द्वारा मिली भगत करके अपने चाहते लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई बताया जाता है इतना ही नहीं 980 लोगों को अध्यक्ष ने अपने लोगों के नाम सूची में डालकर भारी गड़बड़ झाला किया है।
जबकि पात्र जरूरतमंद यदि सूची की कराई जाए जांच और स्थलीय जांच भारी मात्रा में आवास आपत्रो को दिए जाने का होगा खुलासा और दो मंजिला मकान व पहले से बने लोगों के नाम निकलेंगे लिस्ट में जो पीएम आवास में भ्रष्टाचार की पोल खोलने के साथ-साथ सर्वेयर व डीसी की भी पोल खुलकर आएगी सामने गौर करने वाली मजेदार बात यह है कि उपरोक्त सूची के नाम पर गौर करें तो 480 नाम 15 सभासदों के ही आवास है।
जिसे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीएम आवास शहरी योजना में लगे सरवयर व डीसी कितने पैक और कितने साफ और पारदर्शी कम कर रहे हैं उक्त खेल में सर्वेयर अरिनेम व डीसी सहित कथित दलालों के साथ सेटिंग गेटिंग करके दलालों द्वारा अवैध वसूली कर के अपात्रों को रेवाड़ी की तरह आवास देकर महत्वाकांक्षी योजना का गला घोट जाने के आरोप दर्जनों भीरा कस्बा वासियों ने सर्वेयर व उनके द्वारा नामित वसूली एजेंट पर लगाए हैं।
वही नाम गुप्त रखने के शर्त पर कई लाभार्थियों ने बताया कि पीएम आवास योजना का लाभ गरीबों मजलूमों की बजाय साधन संपन्न रसूखदार को दिए जा रहे हैं हम लोग ₹20000 कहां से लाये जो उक्त को दे इसीलिए हम लोग को आवास नहीं दिया जा रहा और सोची समझी चाल के तहत अपात्र कर दिया जाता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार इस संबंध पर रटा रटाया जवाब देते हैं जिम्मेदार परियोजना अधिकारी आप लिखित शिकायत दीजिए मामले पर कार्यवाही की जएगी।
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