
वन्य रेंज तुलसीपुर के कार्यालय जनकपुर में मनाया गया वार्षिक उत्सव
पौधशाला संरक्षण के नाम पर किया जा रहा फोटू शूट का बड़ा खेल
कमियां उजागर न हों सके इसलिए नर्सरी जीवडीह में पौधों को किया आग के हवाले
बलरामपुर/तुलसीपुर
एक तरफ प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वक्ष भारत अभियान के क्रम में स्वक्ष पखवारा मनाया जा रहा है जिसमे जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के द्वारा श्रमदान करने की बात की जाती है और धरातल पर तमाम तरह के आयोजन के तस्वीरों का प्रदर्शन किया जाता है और माननीयो में फोटू छपवाने को लेकर एक होड़ लगी देखी जा रही।
कोई कही स्वक्षता को लेकर झाड़ू पकड़े तो कोई कचरा उठाता दिखाई दे रहा है। जबकि अगर जमीनी स्तर पर सच्चाई उजागर हो जाये तो कथनी और करनी का अंतर बिल्कुल अलग ही नजर आएगा । अगर बात की जाय वन विभाग तुलसीपुर रेंज की तो स्वछंजली कार्यक्रम मनाये जाने का जिसमे मुख्य अतिथि विधायक तुलसीपुर कैलाश नाथ शुक्ल रहे है ।
कार्यक्रम का मुख्य सार यह बताया जा रहा है कि वन विभाग अपना नववर्ष मनाने को लेकर हर वर्ष कार्यक्रम का आयोजन इस माह में कर नववर्ष का शुभारम्भ करती है और इस दिन पौध रोपण को लेकर पौधे लगाती है साथ ही आमजन को पौधे लगाने के लिये जागरूक करती है इसके साथ ही वन विभाग के द्वारा प्रयोग किया जाने वाले अस्त्र शस्त्र व अन्य वस्तुओं का प्रदर्शन करती है ।जिसको लेकर डीएफओ बलरामपुर और रेंजर तुलसीपुर के साथ अन्य विभागीय अधिकारियों और प्रशिक्षुओं की उपस्थित में यह कार्यक्रम मनाया गया है और विधायक तुलसीपुर को बांस के बने डलिया के साथ अन्य वस्तुओं को भेंट कर उनका सम्मान किया गया।
अब अगर बात की जाय मुख्य विषय की तो वन विभाग का यह दावा की वह पौधरोपण कर वन विभाग का नववर्ष मनाने के क्रम में पौधों को लगाती और उन्हें संरक्षित करती है और वनस्पति को बढ़ावा दे कर जलवायु और पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान करती है ताकि पर्यावरण को नुकसान होने से बचाया जा सके लेकिन हाथी के दांत खाने के और है दिखाने के और वाली कहावत यह साफ चरितार्थ होती देखी जा रहीं और वनविभाग मात्र फोटू शूट कर स्वयं अपनी पीठ थपथपा रही हैं। क्यो की अगर सर्वे की बात की जाय तो तमाम ऐसे वन विभाग के पौधशाला है जंहा पर पौधों को लगवाया तो जरूर जाता है लेकिन उनके संरक्षण और पोषण का यह आलम है कि तमाम पौधे तो सूख चुके होते है जिनको विभागीय जिम्मेदार अपनी कमियों को छुपाने को लेकर सूखे पौधों को आग के हवाले कर देते है ताकि सच न सामने आने पाए जिसकी
तस्वीर जनकपुर बीट के जीवडीह के वन विभाग पौधशाला में आप को दिखाई दे जाएगा जिसपर विभागीय जिम्मदारो से सवाल तो बनता है क्या कारण है पौध शालाओं में लगाए गए पौधों के लुप्त होने और जलाने की । आखिर क्यों उन्हें जलवाया गया है क्या यही विभाग का पौध संरक्षण है जिसमे करोड़ो का सरकारी धन का दुरुपयोग किया जाता है और फोटू शूट कर सिर्फ विभागीय उच्च अधिकारियो को सन्तुष्ट कर दिया जाता है कि यहां का मौसम गुलाबी है जो सिर्फ फाइलों तक ही सीमित है जबकि हकीकत में कुछ और ही नजारे नजर आते है।
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